किसी व्यक्ति या संस्था को चेक जारी करने वालों को अब सावधानी बरतनी होगी। अगर वे यह सोचकर अवकाश के दिनों का चेक जारी करेंगे कि उसका भुगतान बैंक खुलने के बाद ही होगा, तो उन्हें इसकी पेनाल्टी लग सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) द्वारा पहली अगस्त से लागू किए जा रहे बदलावों के तहत एक बड़ी सुविधा यह मिलने वाली है कि अब अवकाश के दिनों में भी चेक की क्लियरिंग होगी और वेतन-पेंशन का भुगतान होगा।
आरबीआइ ने नेशनल आटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (एनएसीएच) को पहली अगस्त से 24 घंटे सातों दिन चालू रखने का फैसला लिया है। यह नियम सभी सरकारी और निजी बैंकों में लागू होगा। आरबीआइ के इस निर्णय से वेतन और पेंशनभोगियों को बड़ा फायदा होगा। जिन ग्राहकों की लोन की ईएमआइ जा रही है, उन्हें और चेक जारी करने वालों को सतर्क रहना होगा। अब तक यह होता था कि अगर किसी लोन की ईएमआइ के भुगतान की तिथि को कोई अवकाश होता था तो अकाउंट से ईएमआइ की रकम बैंक के अगले कार्यदिवस में कटती थी। ऐसे में अगर ग्राहक के अकाउंट में ईएमआइ कटने के दिन पूरी रकम नहीं होती थी, तो उसके पास विकल्प होता था कि वह बैंक के अगले कार्यदिवस से पहले फोन या नेट बैंकिंग से अकाउंट में रकम डाल सकता था और उसकी ईएमआइ रुकती नहीं थी। अब उसी दिन ईएमआइ कटने से उसे यह वक्त नहीं मिलेगा। यही चेक जारी करने वालों के मामले में भी होगा।
आरबीआइ के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चार जून को यह घोषणा की थी। वर्तमान में इलेक्ट्रानिक क्लियरिंग सिस्टम छुट्टी के दिनों में काम नहीं करता है। बैंकों में दो-तीन दिन का अवकाश हो जाता है या किसी अन्य वजह से बैंक बंद रहते हैं तो वेतन-पेंशन समेत अन्य मदों की रकम खाते में आने में देरी हो जाती है।