मऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में विद्यालयों पर अध्यापकों की संबद्धता का प्रावधान नहीं है लेकिन इसके बावजूद एक खंड शिक्षा अधिकारी ने दो ब्लाकों में अपने कार्यकाल के दौरान कई अध्यापकों को उनकी सुविधा के अनुसार मनपसंद विद्यालयों पर संबद्ध कर दिया। एक ही विद्यालय से तीन तीन अध्यापकों को दूसरे विद्यालयों में संबद्ध कर दिया गया। इससे कई विद्यालयों पर अध्यापकों की कमी हो गई और विद्यालयीय कार्य प्रभावित हुए।
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कोपागंज और रतनपुरा ब्लाकों में विभागीय निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए कई शिक्षकों को दूसरे विद्यालयों से संबद्ध कर विद्यालयों को बंद करने की कगार पर ला दिया गया। विभागीय सूत्रों की माने तो रतनपुरा ब्लाक में प्राथमिक विद्यालय अतरोल पांडे से कुछ शिक्षकों को हटाकर दूसरे विद्यालय पर संबद्ध कर दिया गया है।
इसी क्रम में प्राथमिक विद्यालय हलधरपुर प्रथम से प्राथमिक विद्यालय पहसा, प्राथमिक विद्यालय सिधवल से प्राथमिक विद्यालय खिल्ला, प्राथमिक विद्यालय दतौड़ा से प्राथमिक विद्यालय मुबारकपुर पर अध्यापकों को संबद्ध किया गया है। बताया जा रहा है कि कई शिक्षकों को पूर्व में भी विभागीय नियमों को दरकिनार करते हुए वेतन दिया जा रहा है। जबकि मानव संपदा के द्वारा पोर्टल पर उपस्थिति भेजने के उपरांत वेतन आहरित किया जाता है। बिना विभागीय मिलीभगत के ऐसा करना संभव नहीं है।
शासन के निर्देशानुसार किसी भी अध्यापक को दूसरी जगह संबद्ध नहीं किया जा सकता। ऐसी स्थिति में सम्बद्धीकरण अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने का आदेश महानिदेशक स्कूली शिक्षा द्वारा दिया गया है। इस संबंध में बीएसए संतोष कुमार सिंह का कहना है कि संबद्धता का कोई शासनादेश नहीं है। यदि ऐसा हुआ है तो जांच कराई जाएगी और संबद्धता समाप्त की जाएगी।