नई दिल्ली: पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से 65 साल की आग के बाद जोड़ने वाले अंश धारकों के लिए इसे और आकर्षक बनाया है। इसके तहत ऐसे लोगों को अपने 50% तक कोष को इकि्वटी या शेयरों के लिए आवंटित करने की अनुमति दी गई है। साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए बाहर निकलने के नियमों को शुगम किया गया है।
एमपी से जुड़ने की आयु को 65 से बढ़ाकर 70 साल किए जाने के बाद पीएफआरडीए में प्रवेश और बाहर निकलने के नियमों को संशोधित किया है। एनपीएस में प्रवेश किया को 18-65 से संशोधित कर 18-70 किया गया है। संशोधित दिशा-निर्देश पर पीएफआरडीए के सर्कुलर के अनुसार 65-70 आयु वर्ग में कोई भी भारतीय नागरिक (ओसीआई ) एनपीएस से जुड़ सकता है।
सर्कुलर में कहा गया है कि जिन अंश धारको ने अपनी एनपीएस खाते को बंद कर दिया है। वह भी आयु में बढ़ोतरी के नियमों के अनुरूप नया खाता खोल सकते हैं। पीएफआरडीए ने कहा है कि यदि कोई आन सुधारक 65 साल की उम्र के बाद एनपीएस से जोडता और डिफॉल्ट ऑटो जो इसके तहत निवेश का फैसला करता है तो उसे शेयर में सिर्फ 15% तक का ही निवेश करने की अनुमति होगी।
एनपीएस से 65 साल की उम्र के बाद जोड़ने वाले अंश धारको के लिए सर्कुलर में कहा गया है कि उन्हीं समान्य तौर पर 3 साल के बाद बाहर निकालने की अनुमति होगी। अंश धारक को एन्यूइटी की खरीद के लिए कम से कम 40% कोष का इस्तेमाल करना होगा। शेष राशि को एक मुक्त निकाला जा सकता है यदि अंश धारक को कोष 500000 रुपैया इससे कम है तो वह पूरी जोड़ी गई गई पेंशन को एक मुक्त निकाल सकता है। पीएफआरडीए ने कहा है कि 3 साल से पहले एनपीएस से बाहर निकलने को प्रीमैच्योर एकि्जट माना जाएगा।