लखीमपुर-खीरी: शिक्षक दिवस के मौके पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया गया। अफसरों, जनप्रतिनिधियों ने शिक्षा का स्तर ऊंचा करने पर जोर दिया। इस बीच बेसिक शिक्षा विभाग की एक और तस्वीर सामने आई है। विभाग के 181 स्कूल ऐसे हैं जो एकल शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। इन स्कूल की शिक्षक अगर बीमार पड़ जाए या कहीं जरूरी काम आ जाए तो स्कूल में ताला लगने की नौबत आ जाती है। ऐसे में इन स्कूलों में शिक्षा का स्तर कैसे ऊंचा होगा। कक्षा एक से पांच तक की सभी कक्षाओं के बच्चों को शिक्षक पढ़ाए या एमडीएम सहित अन्य व्यवस्थाए देखे। ऐसा नहीं है कि विभाग में शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है। दो हजार से ज्यादा शिक्षक कुछ महीना पहले तैनात हुए हैं, लेकिन एकल स्कूलों पर ध्यान नहीं दिया गया।
बेसिक शिक्षा विभाग के करीब 3800 स्कूल जिले में चल रहे हैं। सरकार बेसिक शिक्षा की स्थिति सुधारने पर लगातार जोर दे रही है। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत जहां स्कूलों को संवारा गया है वहीं शिक्षकों की तैनाती भी हुई है। 69 हजार शिक्षक भर्ती के तीन चरणों में जिले में दो हजार से ज्यादा शिक्षकों की तैनाती हुई। इसके बाद भी विभाग के करीब 181 स्कूल ऐसे हैं जो अब भी एकल शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। इन स्कूलों में छात्र-छात्राओं का नामांकन है। एकल शिक्षक के भरोसे चल रहे इन स्कूलों में शिक्षा का स्तर समझा जा सकता है। विभाग में शिक्षकों की जो तैनाती हुई है उनमें इन स्कूलों का ध्यान नहीं रखा गया। कई स्कूल ऐसे हैं जहां कई-कई शिक्षक तैनात हैं।
450 शिक्षक तो बीएसए कार्यालय में दे रहे हैं हाजिरी
-करीब 450 शिक्षक ऐसे हैं जो बीएसए कार्यालय में कई महीनों से हाजिरी दे रहे हैं। इन शिक्षकों को अब तक स्कूल आवंटित नहीं हो सके हैं। इनमें 69 हजार शिक्षक भर्ती के तीसरे चरण में नियुक्त हुए शिक्षक शामिल है साथ ही पारस्परिक स्थानांतरण पर जिले में आए 100 से ज्यादा शिक्षक कई महीने से बीएसए कार्यालय में उपस्थिति दे रहे हैं। इन शिक्षकों को अब तक स्कूलों का आवंटन नहीं किया गया है। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि स्कूल आवंटन ऑनलाइन किया जाएगा। शासन से आदेश का इंतजार है। जैसे ही आदेश आएगा आवंटन कर दिया जाएगा।
ऑनलाइन स्कूल आवंटन से बिगड़ी स्थिति
-विभाग ने स्कूल आवंटन पारदर्शी करने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की। 69 हजार शिक्षक भर्ती में दो चरणों में तैनात शिक्षकों को स्कूल आवंटित किए गए। इस पारदर्शी व्यवस्था में सबसे बड़ी समस्या यह सामने आई कि कुछ स्कूल ऐसे हो जहां शिक्षकों की तैनाती ज्यादा हो जबकि तमाम स्कूल ऐसे रह गए जो एकल शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं। यह समस्या शासन स्तर पर उठने के बाद अब तीसरे चरण में तैनात शिक्षकों का स्कूल आवंटित नहीं हो सके हैं। इससे सैकड़ो शिक्षक कई महीनों से बीएसए कार्यालय में हाजिरी दे रहे हैं।