👉 73711 पद सहायक अध्यापक की खाली
👉 52317 पद प्रधानाध्यापक के रिक्त
👉 केजीबीवी में भी 2715 पद खाली
लखनऊ: बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापक के सवा लाख से अधिक पद खाली है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने बेसिक शिक्षा परिषद में इन खाली पदों को भरने या शिक्षक छात्र अनुपात के अनुसार पदों का पुनः निर्धारण करने के लिए कहा है । साथ ही इसी अनुपात के आधार पर सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापक को तैनाती के निर्देश दिए गए हैं।
बेसिक शिक्षा की 1.58 लाख से अधिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 445321 पद स्वीकृत हैं। प्रदेश सरकार की ओर से बीते 2 साल में की गई 1.24 लाख से अधिक सहायक अध्यापक की भर्ती के बाद कुल 371610 शिक्षक कार्यरत हैं। जबकि 73711 पद खाली हैं। इसमें से 2122 पद प्रदेश सरकार और 71589 पद समग्र शिक्षा के स्कूलों में खाली हैं। इसी प्रकार प्रधानाध्यापक के 134301 पद स्वीकृत है। 81984 प्रधानाध्यापक कार्यरत है। और 52317 पद खाली हैं। इसमें 35356 प्रवेश और 19011 पद समग्र शिक्षा के स्कूल में खाली में।
शिक्षक प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी
भारत सरकार ने शिक्षकों के वेतन में केंद्रांश के 3917 करोड़ 68 लाख 86 हजार रुपए का प्रावधान किया है। मंत्रालय ने साफ किया है कि शिक्षक प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय समग्र शिक्षा के तहत केवल शिक्षकों की वेतन के लिए अतिरिक्त आर्थिक सहयोग कर सकता है।
प्रदेश में 878 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) संचालित है इसमें वार्डन, पूर्णकालिक शिक्षक, अंशकालिक शिक्षक उर्दू शिक्षक लेखाकार, मुख्य रसोईया, सहायक रसोईया, चपरासी व चौकीदार की कुल 11041 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 2715 पद खाली हैं। मंत्रालय ने इन स्कूलों के बेहतर संचालन के लिए रिक्त पदों को भरने की संस्तुति की है।