लखनऊ, प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) माध्यमिक कालेजों के मृत शिक्षकों के आश्रितों को ग्रेच्युटी देने की तैयारी है। ये भुगतान उन शिक्षकों के आश्रितों को दिया जाना है, जिन्होंने अधिवर्षता आयु का विकल्प नहीं दिया और उनकी मौत हो गई। माध्यमिक शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों की अधिवर्षता आयु तय करने में जुटा है। माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक रामचेत ने मंडलीय उप शिक्षा निदेशकों पत्र भेजा है इसमें पूछा गया है कि जिन शिक्षकों यानी सहायक अध्यापक, प्रवक्ता, प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य ने अपनी अधिवर्षता आयु के संबंध में विकल्प नहीं दिया है, उनकी अधिवर्षता आयु क्या होगी?
एडेड माध्यमिक कालेजों में कार्यरत ऐसे शिक्षक जिनकी अधिवर्षता आयु पूरा करने से एक वर्ष पहले मृत्यु हो गई है और उन्होंने सेवाकाल का विकल्प नहीं चुना है या फिर ऐसे शिक्षक जिन्होंने 62 वर्ष का विकल्प चुना था लेकिन, उसके एक साल पहले ही मौत हो गई है। शिक्षक हित में उनके आश्रितों को ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाना है।
मंडलीय अफसरों से यह भी पूछा गया है कि उनके यहां पर दोनों तरह के कितने प्रकरण हैं उनकी अलग-अलग सूचना भेजी जाए। असल में कोरोना की दूसरी लहर में शिक्षक भी हताहत हुए थे। शिक्षक संगठन उनके पाल्यों को भुगतान दिलाने की लंबे समय से मांग कर रहे थे। माध्यमिक शिक्षा विभाग के निर्देश पर इसका प्रस्ताव तैयार किया गया। अब उस पर अमल करने की प्रक्रिया चल रही है। बता दें कि हाल ही में उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा था कि जिन शिक्षकों ने सेवा अवधि का विकल्प नहीं दिया था, उनके आश्रितों को भी ग्रेच्युटी देने का प्रस्ताव है। इससे सैकड़ों मृतक शिक्षकों के आश्रितों को बड़ी राहत मिलेगी। देर से ही सही लेकिन यूपी की योगी सरकार की ये शानदार पहल मानी जा रही है।