महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में तकनीकी गड़बड़ी से छात्र दाखिले के लिए परेशान हैं। छात्रों के खाते से पैसा तो कट गया है, लेकिन अभी तक छात्रों को फीस रसीद नहीं मिली है। छात्रों को अभी तक दाखिले का कंफर्मेशन भी नहीं मिला है और न ही फीस रिफंड का मैसेज आया है। ऐसे में छात्र अगले सत्र में दाखिले के लिए रोजाना विश्वविद्यालय का चक्कर काट रहे हैं।
काशी विद्यापीठ के मुख्य परिसर, गंगापुर और भैरव तालाब परिसर के काफी संख्या में स्नातक और स्नातकोत्तर के छात्र अगले सत्र में दाखिले के लिए परेशान हैं। ऑनलाइन फीस जमा करने के बाद भी उनको वेबसाइट से कंफर्मेशन का संदेश नहीं मिला है। इसके कारण छात्रों का दाखिला लटक गया है।
छात्रों ने जब इसकी शिकायत विश्वविद्यालय से की तो वहां से भी उनको कोई मदद नहीं मिली। बीपीएड के छात्र मयंक तिवारी ने कुलसचिव से शिकायत की है कि उन्होंने 22 सितंबर को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर फीस जमा की थी, लेकिन पैसा कटने के बाद भी उनको फीस रसीद नहीं मिली।
पांच दिन तक रिफंड का इंतजार करने के बाद जब बैंक से संपर्क किया तो वहां से बताया गया कि पैसा विद्यापीठ के मर्चेंट खाते में जमा हो गया है। उसके बाद से लगातार विश्वविद्यालय का चक्कर काट रहा हूं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।