प्रतापगढ़: प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रहे शोभनाथ मिश्र की 14 जुलाई 2012 को घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शहर के अजीत नगर स्थित निवास पर इस सनसनीखेज घटना को अंजाम दिया गया था। इस हत्याकांड में दोषियों को सजा के लिए शिक्षकों ने लंबे समय तक बड़ा आंदोलन किया था। इस बहुचर्चित मुकदमे में बुधवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने मुख्य अभियुक्त शिक्षक राजेश सिंह और शूटर नौशाद को मृत्युदंड जबकि पांच अन्य अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मुकदमे में फैसले का परिवार के लोगों और शिक्षकों को लंबे समय से इंतजार था।
घर में घुसकर मारी थी गोली, पत्नी ने दर्ज करायी थी रिपोर्ट
प्राथमिक शिक्षक संघ प्रतापगढ़ के जिलाध्यक्ष शोभनाथ की 14 जुलाई 2012 की रात करीब नौ बजे शहर के अजीत नगर स्थित घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी विद्या देवी ने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाया था कि शिवराजपुर प्राथमिक स्कूल में तैनात शिक्षक राजेश सिंह उनकी बेटी से जबरन शादी करना चाहता था। इसका हम लोग बराबर विरोध करते थे। इस वजह से राजेश परिवार से रंजिश रखता था। इसी बात को लेकर वह अपने साथ कई अवैध असलहों से लैस होकर बदमाशों को लेकर आया। कहासुनी होने पर राजेश ने उनके 55 वर्षीय पति शोभनाथ मिश्र के गले में तमंचा सटाकर गोली मार दी। इससे उनकी मौत हो गई। इस मामले में पत्नी की तहरीर पर अंतू थाना क्षेत्र के सेतापुर के शिक्षक राजेश सिंह पुत्र राधेश्याम, कोतवाली नगर के बिहारगंज भोजपुर निवासी प्रदीप सिंह, शहर के पड़ाव वार्ड भैरोपुर के अशोक मिश्र व एक अज्ञात के खिलाफ नगर कोतवाली में हत्या की रिपोर्ट दर्ज हुई। बाद में पुलिस की विवेचना में शूटर नौसाद उर्फ डीएम पुत्र शमशेर अली निवासी कलाभदारी थाना लालगंज व संगियापुर के अनुज दुबे, कोतवाली नगर के बिहारगंज के प्रमोद उर्फ लोटा तिवारी, बरियासमुद्र के अरुण सिंह का नाम प्रकाश में आया।
फैसले के बाद सभी अभियुक्तों को भेजा गया जेल
राजेश और नौशाद जेल में थे और अन्य अभियुक्त जमानत पर थे। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सभी अभियुक्त मौजूद थे। फैसले के बाद सभी को जेल भेज दिया गया। इस मुकदमे में राज्य की ओर से पैरवी करते हुए डीजीसी योगेश शर्मा, एडीजीसी अनिल मिश्र व वादिनी के अधिवक्ता अश्वनी कुमार पांडेय ने अपना पक्ष रखा। जज द्वारा सुनाए गए फैसले में राजेश सिंह व शूटर नौशाद उर्फ डीएम को मृत्युदंड की सजा दी गई। दोनों को क्रमश: दो लाख 80 हजार व दो लाख 70 हजार का जुर्माना भी लगाया है। अन्य अभियुक्तों प्रमोद उर्फ लोटा, अरुण व अनुज प्रत्येक को दो लाख 80 हजार तथा अशोक व प्रदीप को दो लाख 70 हजार का अर्थदंड भी सुनाया। यह कुल राशि 19 लाख 30 हजार रुपये शोभनाथ के उत्तराधिकारी को देने का आदेश दिया।
शिक्षकों ने सजा पर जताया संतोष
साल 2012 जुलाई महीने की इस घटना ने प्रतापगढ़ समेत प्रयागराज मंडल के शिक्षकों और शिक्षक नेताओं को आक्रोशित कर दिया था। शिक्षकों ने कातिलों को कठोर सजा देने और जल्द गिरफ्तारी की मांग करते हुए कई दिन तक जुलूस निकाल कर धरना प्रदर्शन किया था। पुलिस ने एक के बाद एक सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा, और फिर उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की। कई साल तक सुनवाई के बाद बुधवार को अभियुक्तो को सजा सुनाने की तिथि मुकर्रर किए जाने पर सब निर्णय का इंतजार कर रहे थे। दोपहर में फैसला आया तो शिक्षकों ने कातिलों को मृत्युदंड और उम्रकैद की सजा सुनाए जाने पर संतोष जाहिर किया है।