प्रयागराज: जिले में परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के चार लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को पहली बार नि:शुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा और बैग देने की बजाय सरकार सीधे अभिभावकों के खाते में रुपये भेजने जा रही है। प्रति जोड़ी 300 रुपये के हिसाब से दो सेट यूनिफॉर्म के लिए 600 रुपये, 200 रुपये स्वेटर,135 रुपये जूते, 21 रुपया मोजा और 100 रुपया बैग के लिए कुल 1056 रुपये दिए जाएंगे।
सवाल उठ रहा है कि क्या अभिभावक इतने रुपयों में गुणवत्तापूर्ण ये सामग्री बच्चों को दिला पाएंगे। स्कूलों से जब ये सामान मिलते थे या सरकार टेंडर करती थी। इससे काफी मात्रा होने के कारण सस्ते पड़ते थे। अब जब एक बच्चे के लिए दुकान पर ये सारे सामान लेने जाएंगे तो इस दर पर मिलना मुश्किल होगा। ऐसी भी आशंका है कि इन रुपयों से अभिभावक अपने घर की दाल-रोटी की व्यवस्था न करने लगे।
प्राथमिक शिक्षा के जिलाध्यक्ष देवेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि शिक्षकों को यूनिफॉर्म और स्वेटर बांटने से मुक्ति मिलने पर वे खुश हैं। अब न ऑडिट होगी और न रजिस्टर तैयार करना होगा। अच्छा हो कि मिड-डे-मील की राशि भी कोरोना काल की तरह बच्चों को भेजी जाए।
बच्चों का खाता अपडेट करने में छूट रहे पसीने
बच्चों के अभिभावकों के खाते में 1056 रुपये सीधे भेजने के लिए खाता अपडेट करने की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी गई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) फीडिंग में शिक्षकों के पसीने छूट रहे हैं। बच्चे के अभिभावक का खाता संख्या, आधार नंबर आदि पूरा ब्योरा ऑनलाइन फीड करने में परेशानी हो रही है। इसके लिए स्कूल टाइमिंग के बाद भी काम करना पड़ रहा है। शिक्षकों का कहना है कि खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर तैनात हैं, वहां फीडिंग सुविधाजनक तरीके से कराई जा सकती है। त्रुटि की आशंका भी न के बराबर होगी।