■ स्वास्थ्य कार्यकर्ता व लेखपाल समेत 23 हजार रिक्त पदों पर चयन की तैयारी
■ लेखपाल भर्ती के लिए राजस्व परिषद ने मंडलवार मांगा रिक्त पदों का ब्योरा
★ इन पदों पर होनी हैं भर्तियां
● स्वास्थ्य कार्यकर्ता 9212
● लेखपाल 7882
● कृषि प्राविधिक गन्ना पर्यवेक्षक 2500
● कनिष्ठ सहायक/आशुलिपिक 2000
● प्राविधिक सहायक/टेक्नीशियन 1200
लखनऊ : साढ़े चार वर्षों में 4.5 लाख लोगों को नौकरी देने वाली योगी सरकार विधानसभा चुनाव से पहले मिशन रोजगार को और विस्तार देगी। समूह ’ग’ की भर्तियों के लिए पिछले माह प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) का रिजल्ट घोषित करने के बाद उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अब स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के 9212, राजस्व लेखपालों के 7882 रिक्त पदों समेत लगभग 23 हजार पदों पर भर्तियों के लिए मुख्य परीक्षाएं आयोजित करेगा।
पीईटी के रिजल्ट के आधार पर ही मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को शार्टलिस्ट किया जाएगा। पीईटी का स्कोर एक वर्ष के लिए मान्य है, इसलिए आयोग की कोशिश है कि वह ज्यादा से ज्यादा भर्तियां करे। इस उद्देश्य से आयोग दिसंबर से प्रत्येक माह दो मुख्य परीक्षाएं आयोजित करने की योजना पर काम कर रहा है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भर्ती के लिए आयोग दीपावली के बाद नवंबर में विज्ञापन निकाल कर दिसंबर में मुख्य परीक्षा आयोजित करने की तैयारी कर रहा है।
आयोग राजस्व लेखपालों के तकरीबन 8000 रिक्त पदों पर भी भर्ती के लिए मुख्य परीक्षा आयोजित करने की तैयारी भी कर रहा है। हालांकि, अभी इसमें पेच है। राजस्व लेखपालों के 7882 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए राजस्व परिषद ने आयोग को पहले से जो प्रस्ताव भेज रखा है, उसमें चयन के लिए टिपल सी सर्टिफिकेट को भी अनिवार्य किया गया है। वहीं लेखपालों की सेवा नियमावली में अभी तक टिपल सी सर्टिफिकेट को अनिवार्य शैक्षिक योग्यता में शामिल नहीं किया गया है, यदि टिपल सी सर्टिफिकेट को भर्ती के लिए अनिवार्य करना है तो आयोग की ओर से विज्ञापन जारी होने से पहले लेखपाल सेवा नियमावली में इस संबंध में संशोधन करना होगा।
दूसरा मुद्दा यह है कि राजस्व परिषद ने अब सभी मंडलायुक्तों से मंडलवार रिक्तियों का ब्योरा तलब किया है। राजस्व परिषद की मंशा है कि आयोग लेखपाल भर्ती के लिए मंडलवार विज्ञापन निकाले और उनका परीक्षा परिणाम भी जारी करे। इसमें कई व्यावहारिक कठिनाइयां हैं।