सर्दी तेजी के साथ बढ़ती जा रही है। मुजफ्फरनगर के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब परिवारों के बच्चे बिना जूते और स्वेटर के स्कूल आ रहे हैं। एक लाख 73 हजार में से केवल 73 हजार के अभिभावकों के खाते में पैसा आया है। एक लाख के खातों में आना बाकी है।
बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय स्कूलों में प्रतिवर्ष बच्चों को ड्रेस, जूते, स्वेटर आदि वितरित करता रहा है। इस बार इन सबके स्थान पर बच्चों के अभिभावकों के खातों में 1100 रुपया डाला जा रहा है। सर्दी लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन अभी तक सभी बच्चों के खातों में यह पैसा नहीं आया है।
जिले में परिषदीय स्कूलों में एक लाख 73 हजार 102 बच्चे पंजीकृत हैं। बीएसए मायाराम के अनुसार जिले से एक लाख 49 हजार 311 छात्र-छात्राओं के बैंक खाते अपडे़ट होकर सरकार को जा चुके हैं। शासन ने अभी तक 73 हजार के खातों में पैसा जारी किया है। हालत यह है कि बच्चों के पास न तो ड्रेस है, न स्वेटर है और न ही जूते हैं। उन्हें ठंड में इसी हालत में स्कूल जाना पड़ रहा है।
एक बच्चे को 1100 रुपये
सरकार ने एक बच्चे को 1100 रुपये देने का निर्णय लिया है। इनमें दो यूनिफार्म 600 रुपये में, स्वेटर 200 रुपये, जूता-मौजा 125 रुपये, स्कूल बैग 175 रुपये का लगाया गया है।
सीधे खातों में जा रहा पैसा
सरकार ने पहली बार बच्चों के खातों में पैसा जारी करने की व्यवस्था की है। बच्चों के अभिभावक के खाते में लखनऊ से सीधा पैसा पहुंच रहा है।
70 प्रतिशत बच्चे बिना ड्रेस के आ रहे
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मायाराम का कहना है कि स्कूलो में निरीक्षण में सामने आया है कि 70 प्रतिशत बच्चे बिना ड्रेस और स्वेटर के स्कूल आ रहे हैं। 30 प्रतिशत अपनी पुरानी ड्रेस पहनकर आ रहे है।