संभल। बीएसए के निरीक्षण में परिषदीय विद्यालय में खामियां मिलने पर इंचार्ज प्रधानाध्यापक को निलंबित किया गया है। वहीं विद्यालय के जर्जर भवन में कंपोजिट ग्रांट की धनराशि लगाए जाने समेत मध्यान्ह भोजन योजना में अधिक बच्चे दर्ज करने के आरोप में इंचार्ज प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मामला विकासखंड बहजोई के गांव सादातबाड़ी के प्राथमिक विद्यालय का है।
मंगलवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी ने विकासखंड के गांव सादातबाड़ी के प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया। बीएसए ने बताया कि निरीक्षण में सामने आया कि विद्यालय में पंजीकृत कुल 352 के सापेक्ष 203 बच्चे उपस्थित मिले। बावजूद इसके मध्यान्ह भोजन योजना की पंजिका का अवलोकन करने पर सामने आया कि विद्यालय में निरंतर 280 से 325 लाभार्थी बच्चे दर्ज किए जा रहे हैं। साथ ही बीते सोमवार को बच्चों को फल का वितरण भी नहीं किया गया। विद्यालय जीर्ण-शीर्ण हालत में मिला। वहीं विद्यालय जर्जर विद्यालयों की सूची में शामिल है। जानकारी लेने पर सामने आया कि इंचार्ज प्रधानाध्यापक की ओर से बीते वर्षों की कंपोजिट ग्रांट की धनराशि को जर्जर भवन की मरम्मत में खर्च किया गया है।
उन्होंने बताया कि इंचार्ज प्रधानाध्यापक की ओर से कंपोजिट ग्रांट मद की धनराशि का उपभोग समेत व्यय, स्टॉक पंजिका व बिल वाउचर आदि की न तो कोई जानकारी दी गई और न ही कोई अभिलेख प्रस्तुत किया गया। बच्चों ने बताया कि बरसात के दिनों में विद्यालय की छत टपकती है। इसको लेकर प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर इंचार्ज प्रधानाध्यापक धर्मवीर सिंह को निलंबित किया गया है। साथ ही पूरे मामले की जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी गुन्नौर अनिल कुमार को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
बीएसए ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय मदारा में सुबह साढ़े दस बजे करीब किए गए निरीक्षण के दौरान शिक्षामित्र ज्योति यादव बिना किसी अवकाश स्वीकृति के गैर हाजिर मिली। शिक्षामित्र के मानदेय आहरण पर अगले आदेशों तक रोक लगाई गई है। साथ ही स्पष्टीकरण जारी कर शिक्षामित्र को सप्ताह भर में जबाव उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। तय समय पर जबाव न मिलने पर कार्रवाई तय है। वहीं सुबह पौने ग्यारह बजे करीब गांव सादातबाड़ी के उच्च प्राथमिक विद्यालय में निरीक्षण के दौरान दूसरी व्यवस्थाएं ठीक-ठाक मिलीं। बीएसए ने बताया कि बीती 22 नबंवर 2021 को गांव प्राथमिक विद्यालय बल्लमपुर में दोपहर दो बजे करीब निरीक्षण किया गया।
इसमें कक्षा-कक्षों व बरामदे का फर्श टूटा हुआ मिला। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत भेजी गई धनराशि से कोई कार्य नहीं कराया गया है। इसके अलावा आय-व्यय, स्टाक पंजिका व बिल-वाउचर भी उपलब्ध नहीं कराए गए। विद्यालय में कार्यरत् शिक्षकों की ओर से मिशन प्रेरणा, दीक्षा ऐप व निष्ठा प्रशिक्षण की जानकारी भी नहीं दी गई। शिक्षक डायरी व पाठ योजना भी तैयार नहीं की गई। इंचार्ज प्रधानाध्यापक की ओर से एक कक्षा कक्ष में ग्रामीण का निजी सामान रखवाया गया मिला। चाभी भी ग्रामीण को ही दे दी गई। एमडीएम का सेंपल भी नहीं मिला। इंचार्ज प्रधानाध्यापक मनीषा गौतम के वेतन आहरण पर रोक लगाते हुए बीते तीन वर्षों की विभिन्न मदों में भेजी गई धनराशि के व्यय व अन्य बिंदुओं की जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी एमएल पटेल को जांच अधिकारी नामित किया गया है।