प्रयागराज, राज्य ब्यूरो। बेसिक शिक्षा के स्कूलों में नई शिक्षक भर्ती को लेकर डीएलएड प्रशिक्षित परेशान हैैं। भर्ती विज्ञापन जल्द निकालने की मांग को लेकर प्रशिक्षित बेरोजगार लगातार अधिकारियों और नेताओं को ज्ञापन सौंप रहे हैं। पिछले दिनों प्रतिनिधिमंडल ने रिक्त पदों का आकलन करने को गठित समिति के सदस्यों को ज्ञापन सौंपा। समिति सदस्यों से छात्रों के अनुपात में शिक्षकों के रिक्त पदों के आकलन की वस्तुस्थिति भी जानी। जो जानकारी सामने आई है, उससे उन्हें चुनाव के पहले भर्ती विज्ञापन निकलने पर संदेह है और निकल भी गया तो चुनाव पूर्व उसका संपन्न होना मुश्किल है।
चुनाव आचार संहिता में फंस सकती है भर्ती
बेसिक स्कूलों में नई शिक्षक भर्ती के लिए सरकार ने पद का आकलन करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी, जिसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। इधर, भर्ती का इंतजार कर रहे डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगारों को चिंता है कि भर्ती प्रक्रिया में देरी होने से वह आसन्न विधानसभा चुनाव की आचार संहिता में फंस सकती है। ऐसे में वह जल्द भर्ती विज्ञापन चाहते हैैं। इसी कड़ी में प्रशिक्षित बेरोजगारों के प्रतिनिधि मंडल ने लखनऊ में सरकार की ओर से गठित कमेटी के सदस्यों से पिछले दिनों मुलाकात की थी। प्रशिक्षित बेरोजगार कोमल पांडेय, अर्पित मिश्र, नीरज यादव, निधि सिंह, पंकज मिश्र ने महानिदेशक स्कूली शिक्षा अनामिका सिंह, बेसिक शिक्षा सचिव प्रताप सिंह बघेल, राजस्व परिषद के अध्यक्ष मुकुल से मिलकर जल्दी भर्ती विज्ञापन निकालने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया था।
अब तक रिक्त पदों की नहीं दी रिपोर्ट
पंकज मिश्र के मुताबिक अधिकारियों से बातचीत में पता चला कि अब तक समिति ने रिक्त पदों की रिपोर्ट नहीं दी है। इससे भर्ती विज्ञापन जल्द निकलना और निकलने पर चुनाव पूर्व संपन्न होना मुश्किल है। प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षकों के रिक्त पदों के विषय में अधिकारियों को अपनी ओर से जानकारी दी है। सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में रिक्त पदों के संबंध में दिए गए हलफनामा का भी जिक्र ज्ञापन में किया है, जिसमें 50 हजार से ज्यादा पद रिक्त होने की स्वीकारोक्ति है। इसके साथ ही 68500 शिक्षक भर्ती के करीब 22 हजार पद रिक्त होने की बात भी हैै।