उत्तर प्रदेश में आंगनवाड़ी, मिनी-आंगनवाड़ी और आंगनवाड़ी सहायिका के 53,000 पदों पर निकाली गई भर्ती में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को झटका लग सकता है क्योंकि इन दिनों इस भर्ती के रद्द होने और फिर से आवेदन प्रक्रिया शुरू होने की खबरें सामने आ रही हैं। एक मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, बाल विकास सेवा एवं पुष्टहार विभाग, यूपी द्वारा निकाली गई भर्ती में आर्थिक रूप से पिछड़े उम्मीदवारों को आरक्षण नहीं दिया गया था जिस कारण अब इस भर्ती को रद्द कर दोबारा आवेदन मंगाए जाने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। ऐसे में इस भर्ती के बीच में ही लटकने के आसार नजर आ रहे हैं। बताते चलें कि कुछ महीनों पहले यूपी के करीब 58 जिलों में आंगनवाड़ी पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी कराई जा चुकी है, जिसके बाद से इन पदों पर आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को अपनी मेरिट लेस्ट का इंतजार बना हुआ है। ऐसे में यदि भर्ती को रद्द कर दिया जाता है तो उम्मीदवारों को बड़ा झटका लग सकता है।
इन जिम्मेदारियों का करना पड़ सकता है निर्वहन
ग्रामीण स्तर पर राज्य सरकार की बाल विकास और पुष्टहार, गर्ववती महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी व स्वास्थ्य से जुड़े कार्यों की जिम्मेदारी आंगनवाड़ी कार्यकत्री की होती है। ऐसे में राज्य सरकार अब इन आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को एक नई जिम्मेदारी सौंपने जा रही है। एक मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, अब आंगनवाड़ी में प्री-प्राइमरी स्तर में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई भी कराई जाएगी। इसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिसके बाद 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के सभी बच्चों की शिक्षा आंगनवाड़ी केंद्रों में सपन्न हो सकेगा।