यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुरुवार को 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण की विसंगति को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लेते हुए बेसिक शिक्षा विभाग को समस्या के त्वरित और न्यायसंगत समाधान के लिए निर्देश दिए है।
69 हजार शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थी लम्बे समय से संघर्षरत हैं और डेढ़ साल से आंदोलनरत हैं। इनका आरोप है कि अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित 18598 सीटों में से 5844 सीटें सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को दे दी गई हैं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी सरकार को इस मामले में पत्र भेजा है। ये अभ्यर्थी विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मिल कर अपनी बात कहते आ रहे हैं।
सरकार कई बार अपना पक्ष रख चुकी है और किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार कर रही है। सरकार ने पिछले सत्र में विधानपरिषद में अपना जवाब दिया कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 18,598 पदों के सापेक्ष 31,228 अभ्यर्थियों की निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से भर्ती हुई है। इसमें तय आरक्षण से अधिक ओबीसी और एससी अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। पिछड़ा वर्ग के 12,630 अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी में अपनी दक्षता के आधार पर चयनित हुए।
भाजपा कार्यालय पर प्रदर्शन करने पहुंचे 69 हजार शिक्षक भर्ती अभ्यर्थी
69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती से जुड़े अभ्यर्थी गुरुवार की सुबह भाजपा के राज्य मुख्यालय जा पहुंचे। कार्यालय का गेट खुला होने के चलते वे सीधे अंदर प्रवेश कर गए और उन्होंने वहां प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही काफी संख्या में पुलिस बल वहां पहुंच गया। उन्हें वहां से हटने को कहा गया लेकिन वे नहीं मानें तब पुलिस को उन्हें हटाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। जैसे-तैसे उन्हें भाजपा कार्यालय से बाहर ले जाया गया।