मथुरा। नन्हे-मुन्ने बच्चों के मन से पढ़ाई का डर निकालने और आंतरिक खुशी की समझ विकसित करने के लिए अब हैप्पीनेस पाठ्यक्रम की शुरुआत होने जा रही है। यह पाठ्यक्रम पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 15 जनपदों में अगले शैक्षिक सत्र से शुरू होगा। इसमें मथुरा जनपद को भी शामिल किया गया है, जहां 10-10 परिषदीय विद्यालयों में हैप्पीनेस की कक्षाएं चलेंगी। बच्चे खेल-खेल में पढ़ना सीखेंगे।
पिछले सप्ताह शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान प्रयागराज में छह दिवसीय राज्य स्तरीय अनुभूति / हैप्पीनेस पाठ्यचर्या विकास पर कार्यशाला आयोजित की गई है। इसमें प्रदेश भर के 32 शिक्षकों को अनुभूति हैप्पीनेस पाठ्यक्रम विकास पर चर्चा प्रशिक्षण दिया गया। इसमें खुशी क्या है, यह कैसे मिलती है, इसके लिए किस प्रकार के समझ की जरूरत है। हमें खुशी निरंतर मिलती रहे या क्षणिक खुशी के लिए ही हम सब कुछ कर रहे हैं, आदि विषयों को लेकर चयनित शिक्षकों ने विचार विनिमय कर योजना का फ्रेम वर्क तैयार किया।
इस कार्यशाला से लौटे शिक्षक मुकेश शर्मा ने बताया कि अनुभूति हैप्पीनेस पाठ्यक्रम के लिए अन्य राज्यों के पाठ्यक्रमों की समीक्षा की गई। पाठ्यक्रम में योग, खेल, आध्यात्मिक के माध्यम से आंतरिक खुशी की समझ बच्चों में विकसित की जाएगी। इसकी शुरुआत आगामी नवीन सत्र से होगी। सीडी प्रशिक्षण नारायण प्रसाद शर्मा ने बताया कि हैप्पीनेस पायलट प्रोजेक्ट में मथुरा को शामिल किया गया है। सीमैट प्रयागराज में आयोजित प्रशिक्षण में जनपद से मुकेश शर्मा प्रावि कांकरगढ़ी नौहझील, जयवीर सिंह पूमा विद्यालय कजरौठ छाता, परमवीर सिंह प्रावि गांधी बैरनी बलदेव ने प्रतिभाग किया था।