वाराणसी / लहरतारा स्थित निजी स्कूल की कक्षा तीन की छात्रा के साथ दरिंदगी मामले में बुधवार को न्यायालय में पीड़िता का कलमबंद बयान हुआ। सिगरा पुलिस की सुरक्षा में पीड़ित छात्रा और उसके परिजनों को न्यायालय में पहुंचाया गया। उधर, स्कूल के स्टेट मैनेजर दिलीप सिंह को देर शाम न्यायालय में पेश किया गया और न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया। इससे पहले कचहरी पहुंचे दो शिक्षकों की अधिवक्ताओं ने जमकर पिटाई भी की।
बुधवार की शाम स्कूल प्रबंधन के चेयरमैन और प्रबंधक के कोर्ट में पहुंचने की जानकारी मिलने की सूचना पर काफी संख्या में अधिवक्ताओं का समूह कोर्ट के बाहर पहुंच गया। इस दौरान एसीपी की अधिवक्ताओं से नोकझोंक भी हुई। वहीं क्राइम ब्रांच की टीम ने किसी तरह अधिवक्ताओं को शांत कराया। दोपहर में कचहरी में स्कूल के दो शिक्षकों को अधिवक्ताओं ने घेर लिया और पिटाई शुरू कर दी। पुलिस ने किसी तरह शिक्षकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। अधिवक्ताओं के उग्र होने की सुगबुगाहट पर पुलिस का पहरा भी कचहरी में बढ़ा दिया गया।
मंगलवार रात में स्कूल के चेयरमैन दीपक मधोक, डिप्टी डायरेक्टर अमृता बर्मन, प्रिंसिपल परवीन कैसर, मैनेजर आदित्य चौधरी सहित छह लोगों को पुलिस लाइन स्थित डीसीपी वरुणा जोन कार्यालय में विवेचना में पूछताछ के लिए बुलाया गया। डीसीपी वरुणा विक्रांत वीर ने बताया कि स्टेट मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया, प्रबंधन से जुड़े अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है।
कठोर कार्रवाई के दिए संकेत
पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने बताया कि छात्रा को न्याय दिलाने के लिए गठित एसआईटी की जांच जारी है। स्कूल प्रबंधन से जुड़े जिन लोगों की लापरवाही सामने आएगी, उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।