उत्तर प्रदेश में मदरसों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की कवायद शुरू हो गई है। पहले चरण में 30 मदरसों को मॉडल बनाया जाएगा। इनमें स्मार्ट क्लास, एस्ट्रोनोमी लैब, ई बुक्स आदि की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। यह निर्णय मदरसा शिक्षा परिषद की बैठक में लिया गया।
गौरतलब है कि मदरसों के शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए वर्ष 2017 में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया गया था। इसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है। अब मदरसों की शिक्षा को और आधुनिक बनाने की तैयारी है। प्रदेश में 558 अनुदानित और 7442 आधुनिक मदरसे हैं
रजिस्ट्रार मदरसा एसएन पांडेय के मुताबिक परिषद ने निर्देश दिया कि आधुनिकीकरण योजना के पहले चरण में 30 मदरसों को विकसित किया जाएगा। अगर प्रयोग सफल रहा तो सभी मदरसों में यह योजना लागू की जाएगी।
परिषद ने यह भी निर्णय लिया है कि प्राइमरी और जूनियर स्तर के मदरसों को पूर्ण रूप से अंग्रेजी माध्यम करने को ऐच्छिक रखा जाए। यानी मदरसों पर अंग्रेजी माध्यम की व्यवस्था लागू करने के लिए दबाव नहीं डाला जाएगा।