लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने नगरीय निकायों में अकेंद्रीयत सेवा के 97 पदनामों का नए सिरे से निर्धारण कर दिया है। अब इन पदों पर पारदर्शी तरीके से भर्तियां व पदोन्नतियां हो सकेंगी। नगर विकास विभाग ने प्रस्तावित उत्तर प्रदेश पालिका (अकेंद्रीयत) सेवा नियमावली का प्रारूप जारी कर दिया है। इसके लिए 18 दिसंबर तक आपत्तियां व सुझाव मांगे गए हैं। इसके तहत अब समूह ग की भर्तियां उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) करेगा। अभी तक यह नियुक्तियां स्थानीय स्तर पर होती थीं।
दरअसल, नगरीय निकायों में अकेंद्रीयत सेवा के कर्मियों के लिए अभी तक कोई सेवा नियमावली नहीं थी। इस कारण इन पदों पर भर्तियां व पदोन्नतियां पारदर्शी तरीके से नहीं हो पाती थीं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह नियमावली बनाई है। इसमें पदों का निर्धारण, भर्ती, शैक्षिक योग्यता, सेवा शर्तें व वेतनमान आदि का निर्धारण किया गया है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद नियमावली के आधार पर ही भर्तियां होंगी।
प्रस्तावित नियमावली में राजस्व सेवा संवर्ग के चार, स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के छह, अभियंत्रण सेवा के 14, विद्युत यांत्रिक सेवा के 22, जलकल सेवा के तीन, उद्यान सेवा के दो व लेखा सेवा के दो पदनाम तय किए गए हैं। इसी प्रकार आशुलिपिक सेवा के तीन, चतुर्थ श्रेणी संवर्ग के 10, कंप्यूटर इलेक्ट्रानिक डाटा प्रोसेसिंग सेवा के तीन, विधि सेवा के पांच, सामान्य प्रशासन के चार, शिक्षा सेवा के नौ, पशु कल्याण सेवा के पांच, संपत्ति सेवा के तीन, सांख्यिकीय सेवा केवल नगर निगम में दो, अन्य सेवा में दो पदनामों का निर्धारण किया गया है।
अकेंद्रीयत सेवा के पदों पर भर्ती के लिए 18 से 35 वर्ष की आयु सीमा तय की गई है। नगर निगमों में नगर आयुक्त और पालिका परिषद एवं नगर पंचायत में प्रभारी अधिकारी की अध्यक्षता में चयन समिति होगी। समूह घ व चालकों के पदों पर सीधी भर्ती के लिए राज्य सरकार के कार्मिकों की नियमावली लागू होगी। अकेंद्रीयत सेवा के कार्मिकों को 50 साल की आयु प्राप्त कर लेने पर किसी भी समय नोटिस देकर रिटायर किया जा सकेगा।