लखनऊ । प्रश्नपत्र लीक होने के कारण रद की गई उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) 2021 अब अगले साल जनवरी के तीसरे हफ्ते में दोबारा आयोजित की जाएगी। गुरुवार को विधानसभा में यूपीटीईटी प्रश्नपत्र लीक होने का मुद्दा उठने पर सदन को यह जानकारी बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा.सतीश चंद्र द्विवेदी ने दी।
समाजवादी पार्टी के नरेंद्र वर्मा ने यूपीटीईटी का पेपर लीक होने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भाजपा सरकार शिक्षित बेरोजगारों का शोषण कर रही है। इस घोटाले के आरोपी शासन-सत्ता के करीबी हैं। जवाब में संसदीय कार्य मंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि यूपीटीईटी का दोबारा आयोजन होने पर आवेदक अभ्यर्थी पुराने आवेदन पर ही परीक्षा में बैठ सकेंगे। इसके लिए उन्हें अलग से कोई शुल्क नहीं देना होगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए एसटीएफ ने विभिन्न जिलों में 10 मुकदमे दर्ज कराए हैं जिनमें 33 लोग गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं। घोटाले का मास्टरमाइंड भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
बता दें कि पर्चा लीक होने के कारण रद की गई यूपीटीईटी 2021 की नई तिथि का इंतजार सभी अभ्यर्थी कर रहे हैं। परीक्षा की नई तिथि निर्धारित करने के लिए विचार-विमर्श के बीच उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी के नए सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने परीक्षा कराने की तैयारी भी तेज कर दी है। शुचितापूर्ण तैयारियों में प्रश्नपत्र तैयार करने, फिर माडरेटर द्वारा परीक्षण करने, परीक्षा केंद्रों के परीक्षण, फिर से प्रवेशपत्र जारी करने आदि की प्रक्रिया में लगने वाले समय को देखते हुए 20 जनवरी के पहले परीक्षा होना कठिन है।
यूपीटीईटी 28 नवंबर को दो पालियों में प्रस्तावित थी। पहली पाली की परीक्षा दस बजे से होनी थी, परीक्षार्थी केंद्रों पर पहुंच चुके थे, लेकिन उसी बीच पर्चा लीक होने की सूचना पर सक्रिय हुई एसटीएफ की रिपोर्ट पर परीक्षा रद करने का निर्णय लिया गया। परीक्षा को लेकर गोपनीयता न बरतने के आरोप में तत्कालीन सचिव को निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच कर रही एसटीएफ उनसे पूछताछ कर रही है।