टीईटी का पर्चा लीक कराने के लिये छपाई से लेकर परीक्षा केन्द्र तक पहुंचने की सारी जानकारी बेहद गोपनीय रखी गई थी पर पूरी प्रक्रिया में शामिल दो अफसरों को यह पता था कि इस परीक्षा का पर्चा लीक होना है। यह पर्चा कहां से और कैसे लीक कराया जाएगा, इस बारे में भी सब कुछ तय हो चुका था।
तीन जिलों के पांच परीक्षा केन्द्र भी चिह्नित कर लिए गए थे। पर, 28 नवम्बर को परीक्षा से तीन दिन पहले ही गिरोह ने रणनीति बदल ली। इसके बाद पर्चा केन्द्रों तक पहुंचने से पहले ही लीक हो गया। अब तक की पड़ताल के बाद तैयार पहली रिपोर्ट में एसटीएफ ने ऐसे ही तथ्य लिखे हैं। रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी। एसटीएफ को पता चला कि परीक्षा के लिये कई सेट में पर्चे तैयार किये गये थे।
ज्यादा लालच में ही धांधली उजागर हुई
एसटीएफ की पड़ताल में यह भी सामने आया कि 300 अभ्यर्थियों तक ही पर्चा सॉल्वर के माध्यम से पहुंचाने की बात तय की गई थी। पर, गिरोह के कुछ सदस्यों ने ज्यादा लालच में रणनीति से अलग कई और लोगों तक पर्चे के सवाल व्हाट्सएप करा दिये। बस, इसी लालच में गिरोह के सदस्यों के बारे में सब कुछ सामने आ गया और पर्चा लीक होने की बात ऊपर तक पहुंच गयी। परीक्षा से चंद घंटे पहले ही एसटीएफ ने छापेमारी शुरू कर दी थी।