प्रयागराज : अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती 2010 फिर विवादों के घेरे में है। इस भर्ती में हुए घोटाले के मामले में सीबीआई की ओर से एफआईआर दर्ज किए जाने के बावजूद नियुक्ति पा चुके अभ्यर्थियों के स्थायीकरण की प्रक्रिया फिर शुरू की जा रही है। प्रतियोगी छात्रों ने इसका विरोध कर रहे हैं और शासन से मांग की है कि स्थायीकरण की प्रक्रिया को शीघ्र रोक दिया जाए।
सीबीआई ने एपीएस भर्ती 2010 की जांच के लिए प्रदेश सरकार से विशेष अनुमति ली थी। जांच में यह सामने आया था कि तमाम अभ्यर्थियों को मनमाने तरीके से अंक देकर चयनित कर लिया गया और इसके बाद उन्हें सचिवालय में नियुक्ति दे दी गई।
हालांकि सीबीआई जांच शुरू होने के बाद नियुक्त अभ्यर्थियों के स्थायीकरण की प्रक्रिया रोक दी गई थी। यूपी विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद चर्चा शुरू हो गई है कि शासन स्तर पर चयनित अभ्यर्थियों के स्थायीकरण की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया गया है।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडे का कहना है कि शासन स्तर पर बैठक कर स्थायीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। उनका आरोप है कि सचिवालय के कुछ अफसर तथ्यों को छिपाकर इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहे हैं। फिलहाल पत्रावली न्याय विभाग में परीक्षण के लिए भेजी गई है।