परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500, 69000 समेत अन्य शिक्षक भर्तियों में सहायक अध्यापक पद पर चयनित शिक्षामित्रों ने समायोजन के दौरान पूर्व में शिक्षक के रूप में की गई सेवा को वर्तमान सेवा से जोड़ने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। यदि ऐसा होता है तो इन शिक्षामित्रों को वरिष्ठता, पेंशन चयन वेतनमान आदि में लाभ होगा।
याची बलिया के ललित मोहन सिंह ने बताया कि विभिन्न शिक्षक भर्तियों में चयनित हुए सैकड़ों सहायक अध्यापक पहले शिक्षामित्र थे। पिछली सरकार में 19 जून 2014 से शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद पर प्राथमिक स्कूलों में समायोजन की प्रक्रिया शुरू हुई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 को 1.37 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश सरकार ने रिक्त सीटों पर भर्तियां शुरू की जिनमें सैकड़ों शिक्षामित्र फिर से सहायक अध्यापक बन गए। इनमें से कई सहायक अध्यापक पूर्व में समायोजन के समय ही अध्यापक बनने की पूरी योग्यता (बीए, बीटीसी व टीईटी) रखते थे। शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक बने ऐसे शिक्षकों ने समायोजित सहायक अध्यापक के रूप में की गई अपनी सेवा को नई सेवा से जोड़ने और अन्य सभी लाभ देने की गुहार लगाई है। शुक्रवार को याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रदेश सरकार से चार सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। अगली सुनवाई मार्च के तीसरे सप्ताह में होगी।