लखनऊ। प्रदेश के राजकीय व सहायताप्राप्त (एडेड) संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को मध्यान्ह भोजन मिलेगा। मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण ने इसके लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग से कक्षावार ब्योरा मांगा था। कक्षा छह, सात व आठ में पढऩे वालों के लिए मध्यान्ह भोजन देने का आदेश जारी कर दिया गया है। करीब एक हजार विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन पकाने के लिए रसोइयां भी रखे जाएंगे।
सूबे में मध्यान्ह भोजन योजना 2004 में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में लागू हुई थी। इसके बाद से लगातार योजना का दायरा बढ़ाया जाता रहा है। दो साल पहले इस योजना से मदरसों में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को लाभांवित किया गया। अब इसे राजकीय व एडेड माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों में लागू किया जा रहा है। योजना का लाभ कक्षा छह, सात व आठ में पढ़ने को ही योजना मिलेगा। संस्कृत माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव राधाकृष्ण तिवारी ने बताया कि राजकीय व एडेड विद्यालयों में कक्षा छह में 6786, सात में 6022 व आठ में 4054 छात्र-छात्राएं पढ़ रही हैं। इन्हें जल्द ही मध्यान्ह भोजन परोसा जाएगा। संबंधित आदेश जारी होने के बाद तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं।
निश्शुल्क पाठ्य पुस्तकें वितरितः संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में प्रथमा स्तर यानि कक्षा छह से आठ तक में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को बेसिक शिक्षा परिषद की तर्ज पर निश्शुल्क पाठ्य पुस्तकें वितरित की जा चुकी हैं। साथ ही इसी वर्ष से इन विद्यालयों में भी सत्र के अनुसार शैक्षिक कैलेंडर की व्यवस्था लागू की गई है, ताकि सभी विद्यालयों में एक साथ पढ़ाई होती रहे। छात्र-छात्राओं का परीक्षा आवेदन व अग्रिम पंजीकरण भी यूपी बोर्ड की तर्ज पर आनलाइन कर दिया गया है।