बाराबंकी सीट पर पार्टी ने अचानक बदला प्रत्याशी, पति अरविंद मौर्या को पहले दिया था टिकट
बाराबंकी भारतीय जनता पार्टी ने बाराबंकी सीट पर अरविंद मौर्या को उम्मीदवार बनाया था। अरविंद एनडीपीएस एक्ट के एक मुकदमे में चाहित हैं। इसे लेकर प्रशासनिक और राजनीतिक जानकारों ने नामांकन की वैधता को लेकर सवाल खड़े किए समय रहते ही पार्टी नेतृत्व को इसकी जानकारी कराई गई। चर्चा शुरू होते ही अन्य दावेदारों ने जहां दौड़भाग फिर तेज की तो पार्टी ने अचानक ही प्रत्याशी बदलते हुए अरविंद की शिक्षक पत्नी डॉ. रामकुमारी मौर्या को रविवार रात टिकट दे दिया।
बाराबंकी सीट पर पार्टी ने अचानक बदला प्रत्याशी, पति अरविंद मौर्या को पहले दिया था टिकट
बाराबंकी भारतीय जनता पार्टी ने बाराबंकी सीट पर अरविंद मौर्या को उम्मीदवार बनाया था। अरविंद एनडीपीएस एक्ट के एक मुकदमे में चाहित हैं। इसे लेकर प्रशासनिक और राजनीतिक जानकारों ने नामांकन की वैधता को लेकर सवाल खड़े किए समय रहते ही पार्टी नेतृत्व को इसकी जानकारी कराई गई। चर्चा शुरू होते ही अन्य दावेदारों ने जहां दौड़भाग फिर तेज की तो पार्टी ने अचानक ही प्रत्याशी बदलते हुए अरविंद की शिक्षक पत्नी डॉ. रामकुमारी मौर्या को रविवार रात टिकट दे दिया।
कयासों के दौर के बीच डॉ. रामकुमारी ने शिक्षक पद से इस्तीफा भी दे दिया उनके इस्तीफे के पीछे माना जा रहा था कि अरविंद की जगह उन्हें ही टिकट मिलेगा, ऐसा हुआ भी बीएसए बाराबकी अजय कुमार सिंह ने रामकुमारी का इस्तीफा मंजूर करने की पुष्टि की है। इस फैसले के बाद राजनीतिक क्षेत्र में हलचल तेज हो गई थी।
मालूम रहे कि भाजपा ने 28 जनवरी को जिले की सभी सीटों पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा की थी। इनमें बाराबंकी सीट पर अरविंद मौर्या को प्रत्याशी बनाया गया था वह भाजपा के जिला महामंत्री हैं। शनिवार को भाजपा के सभी छह उम्मीदवारों को नामांकन करना था किंतु अरविंद को पार्टी ने अचानक नामांकन करने से रोक दिया था। इसके पीछे तर्क उठा कि अरविंद पर एनडीपीएस एक्ट का एक कस है। जिसके तहत उनका पर्चा खारिज होने की संभावना थी ।
टिकट को लेकर मची माथापच्ची में बाराबंकी सीट से चुनाव लड़ने के दावेदार नेताओं के यहां फिर से दावा करने पहुंचने लगे। इसी बीच चार फरवरी को नाटकीय रूप से अरविंद की शिक्षक पत्नी रामकुमारी जो कि देश ब्लॉक के जूनियर हाईस्कूल रानीगंज में तैनात थीं ने अपना इस्तीफा बीएसए को सौंप दिया। इस्तीफा देने का कारण भले ही पारिवारिक दर्शाया गया हो, पर राजनीतिक क्षेत्र में इसे टिकट को लेकर उठाया गया कदम ही आंका जा रहा था।