गोरखपुर : दूसरे की डिग्री पर सहायक अध्यापक की नौकरी करने वाले विश्वजीत कुमार को एसटीएफ ने बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। वह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसफ) से बर्खास्त हो चुका है।
आरोपी विश्वजीत कुमार सहजनवां के भीटी रावत का मूल निवासी है। वर्तमान में वह रामगढ़ ताल इलाके के भगत चौराहे के पास न्यू रामपुर कॉलोनी में किराए के कमरे पर रहता है। जानकारी के मुताबिक, विश्वजीत सीआईएसएफ में 1998 में आरक्षी के पद पर तैनात था। बाद में किसी शिकायत पर 2003 में उसे बर्खास्त कर दिया गया था।
2011 में एक लिपिक की मदद से वह दिनेश चंद्र के नाम पर सहायक अध्यापक की फर्जी नौकरी हासिल कर ली। हो गया। लिपिक की मदद से दिनेश चंद्र के दस्तावेजों की कूटरचना की और कैंपियरगंज के प्राथमिक विद्यालय परसा में तैनाती भी हो गई थी। एसटीएफ गोरखपुर यूनिट उसकी तलाश में थी। एसटीएफ निरीक्षक सत्यप्रकाश सिंह को बृहस्पतिवार दोपहर में सूचना मिली कि विश्वजीत भगत चौराहे पर मौजूद है। इसके बाद उसे पकड़ लिया गया।
ऐसे खुली जालसाजी
विश्वजीत जिस दिनेश के नाम की डिग्री का इस्तेमाल कर नौकरी पाया था, उसके पैन व आधार का भी इस्तेमाल करने लगा था। उसने दिनेश के ही पैनकार्ड व पते पर बैंक से कर्ज लेकर एक कार खरीद ली थी। कर्ज न भर पाने पर बैंक की रिकवरी टीम जब दिनेश के घर नोटिस चस्पा करने गई तो उन्होंने इसकी शिकायत बेसिक शिक्षा विभाग में की।
छानबीन में विश्वजीत की हकीकत सामने आ गई। इसके बाद विभाग ने विश्वजीत को बर्खास्त किया और कैंपियरगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मुकदमे के बाद स्टेप उस तक पहुंच सकी।