केंद्र सरकार के बजट में इनकम टैक्स स्लैब में छूट न दिए जाने से व्यापारी व नौकरीपेशा लोगों को काफी निराशा हुई है। कोरोना काल में व्यापारियों को हुए नुकसान की वजह से इनकम टैक्स स्लैब कुछ और राहत दिए जाने की उम्मीद थी। इससे व्यापारियों व नौकरीपेशा लोगों की कुछ धनराशि बचती। कोरापोरेट टैक्स में छूट दिए जाने को व्यापारी गलत मान रहे हैं। उनका कहना है कि बड़ी कोरपोरेट कंपनियों से नियमित तौर पर टैक्स लिया जाना चाहिए। मध्यम व छोटे उद्यमियों के लिए टैक्स में छूट बहुत जरूरी है। जीएसटी में हुए बदलाव से व्यापारी थोड़ी राहत जरूर महसूस कर रहे हैं। आईटीआर की खामियों के सुधारने के लिए अब वक्त मिलेगा। एमएसएमी के लिए पैकेज से भी मध्यम व छोटे उद्योगों के गति मिलने की संभावना है। इस बजट से व्यापारियों ने जो उम्मीद लगाई थी। वह पूरी होते नहीं दिख रही है।
व्यापार से जुड़े लोग बोले
केंद्र सरकार के बजट में व्यापारियों के लिए कोई राहत नहीं मिली है। कोराना काल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए लोग इनकम टैक्स में छूट की उम्मीद लगाए बैठे थे। जीएसटी में हुए सुधार से व्यापारियों के थोड़ी राहत जरूर मिलेगी।
सुरेश चंद्र वाष्णेय, जिलाध्यक्ष, उद्योग व्यापार मंडल
केंद्र सरकार ने बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अधिक ध्यान दिया है। जीएसटी में सुधार से व्यापारियों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी। एमएसएमई के लिए पैकेज जारी रहने से छोटे व मध्यम उद्योगों के गति मिलेगी। कृषि क्षेत्र को गति देने के लिए बजट में उन्नत खेती पर ध्यान दिया है।
गोपाल माहेश्वरी, उद्यमी
केंद्र सरकार के बजट में इनकम टैक्स स्लैब में राहत न देने से लोगों में काफी निराशा है। व्यापारी व नौकरीपेशा इनकम टैक्स में और राहत की उम्मीद कर रहे थे। कोरपोरेट टैक्स में छूट नहीं देनी चाहिए थी। जीएसटी में बदलाव से थोड़ी राहत है।
साकेत बिंदल, अधिवक्ता, इनकम टैक्स
यह एक दीर्घावधि बजट है। मगर आयकर स्लैब में छूट न बढ़ने से निराशा हुई है। पांच लाख की आय को सभी आयकर दाताओं के लिए कर मुक्त करना चाहिए था। बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए प्रावधान किए गए हैं। यह स्वागत योग्य हैं।
नवीन अग्रवाल, सीए