मुरादाबाद। डॉ. बीआर आंबेडकर पुलिस अकादमी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके बेटे ने साक्ष्य छिपाकर मृतक आश्रित कोटे में नौकरी हासिल कर ली, जबकि उसकी मां भी सरकारी सेवा में कार्यरत थी। शिकायत पर मामले की जांच कराई गई। जांच अधिकारियों ने भी जांच में लापरवाही बरती। इस मामले में सिविल लाइंस थाने में तीन तत्कालीन सीओ सहित पांच आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
पुलिस के मुताबिक, डॉ. बीआर आंबेडकर पुलिस अकादमी में मुख्य सफाईकर्मी के पद पर तैनात रही सरोज देवी ने इस मामले की शिकायत की थी। महिला ने बताया था कि उनके पति रमेशचंद्र भी अकादमी में मुख्य सफाईकर्मी के पद पर तैनात थे। 23 अगस्त 2014 को रमेशचंद्र की मृत्यु हो गई थी। महिला सरोज के बेटे प्रमोद कुमार ने मृतक आश्रित कोटे में नौकरी के लिए आवेदन किया था। हालांकि बेटे को मृतक आश्रित के तहत नौकरी नहीं दी गई। महिला ने बताया कि वह 30 अप्रैल 2016 को वह सेवानिवृत्त हो चुकी है।
महिला ने अपने प्रार्थनापत्र में बताया कि पुलिस अकादमी में ही 2012 में मझोला थानाक्षेत्र के सम्राट अशोक नगर निवासी ललितकांत शर्मा को उनके पिता नारायण प्रकाश के स्थान पर अर्दली चपरासी के पद पर मृतक आश्रित में नौकरी दे दी गई, जबकि उसकी मां बसंती देवी स्वास्थ्य विभाग में एएनएम के पद पर कार्यरत थीं। इस मामले की शिकायत तत्कालीन सीओ सुदेश कुमार ने जांच की। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में ललित कांत शर्मा की नियुक्ति को प्रतिकूल बताया था। जबकि पुलिस अकादमी के तत्कालीन सीओ बीएस सिद्धू , तत्कालीन सीओ अमित श्रीवास्तव और सिविल लाइंस के सीओ संजय कुमार द्वारा जांच आख्या में मिलीं त्रुटियों, अपूर्ण जांच व जांच के साथ प्राप्त अभिलेखों को संज्ञान में नहीं लिया। आरोप है कि ललितकांत शर्मा ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक बीएस सिद्धू को भी अपनी मां का सरकारी नौकरी में होने की बात नहीं बताई। आरोपी ने इस बात को जानबूझकर छिपाया और अधिकारियों की मिलीभगत से मृतक आश्रित पद पर नौकरी पा ली। सिविल लाइंस थाना प्रभारी आरपी सिंह ने बताया कि डॉ. बीआर आंबेडकर पुलिस अकादमी के प्रधान लिपिक विशाल भटनागर की तहरीर पर आरोपी ललितकांत शर्मा, तत्कालीन सीओ अधीक्षक बीएस सिद्धू, अमित श्रीवास्तव और संजय कुमार और सेवानिवृत्त प्रभारी प्रधान लिपिक यतेंद्र अग्रवाल के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी ने बताया कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे। उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।