उन्नाव। कोविड टीकाकरण में सहयोग न करने पर डीआईओएस ने 10 स्कूल प्रबंधकों को नोटिस जारी किया है। इसमें नौ को चेतावनी पत्र दिया है जबकि एक प्रबंधक से तीन दिन में लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है।
जिले में किशोरों के टीकाकरण के लिए स्कूल में कैंप लगाए जा रहे हैं। शिक्षकों से इसमें सहयोग के लिए कहा गया है लेकिन इसमें हीलाहवाली की जा रही है। शकुंतला देवी कांशीराम इंटर कॉलेज मुस्तफाबाद, रामकली बुद्धिलाल शिक्षण संस्थान पुरवा, कौमी एकता उच्चतर माध्यमिक स्कूल मसवासी, मां कलावती यदुनंदन सिंह इंटर कॉलेज सिंघूपुर, हरिनाम सिंह इंटर कॉलेज मऊ सुल्तानपुर व एसएमए एसएन हायर सेकेंडरी स्कूल सातन के प्रबंधकों ने अभियान में लापरवाही बरती। ये लोग टीकाकरण कराने में सहयोग नहीं कर रहे हैं और न ही फोन रिसीव करते हैं। टीकाकरण की सूचना भी उपलब्ध नहीं कराई। राष्ट्रीय इंटर कॉलेज औरास, जयराम पार्वती इंटर कॉलेज व सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक स्कूल सीमऊ के प्रबंधकों ने पांच फरवरी को हुए टीकाकरण में स्कूल स्तर से सहयोग नहीं किया। डीआईओएस ने प्रबंधकों को चेतावनी दी है कि छात्रों का टीकाकरण न कराना या सहयोग से मना करना गंभीर है। दोबारा ऐसा हुआ तो कोविड नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
वहीं सोहरामऊ के बजेहरा में संचालित आर्यावर्त गुरुकुल इंटर कॉलेज के छात्रों का टीकाकरण 13 जनवरी को होना था। लेकिन स्कूल बंद था। टीम बिना टीकाकरण लौट गई। 25 जनवरी को स्कूल में टीकाकरण वाले छात्रों की सूची मांगी गई वह भी उपलब्ध नहीं कराई गई। पांच फरवरी को नोडल अधिकारी ब्लॉक व तहसील से स्कूल पहुंचे तो ताला बंद मिला। डीआईओएस राजेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि स्कूल प्रबंधक से तीन दिन में लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है।
प्रधान से सात दिन में मांगा जवाब
उन्नाव। टीकाकरण में सहयोग न करने पर सफीपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत मुस्तफाबाद के प्रधान को नोटिस जारी की गई है। डीपीआरओ ने प्रधान से सात दिन में जवाब मांगा है।
रविवार को मुस्तफाबाद गांव में कोविड-19 टीकाकरण कैंप चल रहा था। डीपीआरओ निरीश चंद्र साहू को जानकारी मिली कि प्रधान जाने आलम इसमें सहयोग नहीं कर रहे हैं। डीपीआरओ ने प्रधान को फोन किया। इसके बाद भी प्रधान ने स्वास्थ्य टीमों का सहयोग नहीं किया। जिस पर डीपीआरओ ने प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी की। निर्देश दिए कि सात दिन में स्पष्टीकरण दें। चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समय में संतोषजनक उत्तर न मिला तो महामारी अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। (संवाद