आगरा, बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में परीक्षाएं मजाक बन कर रह गई हैं। एक ओर स्कूलों में बिना शिक्षकों के जुगाड़ से परीक्षा कराई जा रही हैं। दूसरी ओर प्रश्नपत्रों में गलतियों ने रही बची कसर पूरी कर दी है। शुक्रवार को कक्षा पांच के गणित की परीक्षा थी। शिक्षकों का आरोप है कि प्रश्नपत्र का पूर्णांक 50 अंकों का था, लेकिन प्रश्न मात्र 18 नंबरों के ही दिए गए। 32 अंको के प्रश्न नहीं थे।
बता दें कि परिषदीय विद्यालयों में प्रश्नपत्र निर्माण समिति की ओर से घोर लापरवाही की गई है। प्रश्नपत्र समन्वयक समिति को भी भारी भरकम बजट दिया जाता है। इसमें प्रशिक्षण के साथ-साथ प्रश्न पत्रों की जांच होती है। अब प्रश्नपत्र में प्रश्न ही पूरे नहीं है। इस लापरवाही के सामने आने पर शिक्षकों ने अधिकारियों को फोन किया, लेकिन किसी ने कोई संतोषजनक जबाब नहीं दिया। शिक्षकों का कहना है कि इससे पूर्व परीक्षाओं का इतना बुरा हाल कभी नहीं हुआ।
परिषदीय विद्यालयों में हो रही परीक्षाओं में प्रश्नपत्र निर्माण में गंभीर त्रुटियां की गई हैं। प्रश्नपत्र निर्माण समिति को ऐसी अनियमितताओं पर ध्यान देना चाहिए। दोषी जिला समन्वयक प्रशिक्षण के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए। प्रश्नपत्रों के निर्माण में हो रही त्रुटियों के लिए जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।
- ब्रजेश दीक्षित, उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ
कुछ विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, लेकिन विद्यालय महीनों से नहीं खुले हैं। इसकी जानकारी नहीं है। समस्त खंड शिक्षाधिकारियों से रिपोर्ट मंगायी जा रही है। यदि विद्यालय नहीं खुले हैं। तो गंभीर विषय है।
- सतीश कुमार, बेसिक शिक्षाधिकारी