बोर्ड परीक्षा की समय सारिणी जारी हो चुकी है। माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं 24 मार्च से प्रारंभ होकर 12 अप्रैल तक चलेंगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग परीक्षा की तैयारियों में जुटा है। इधर, शासन की ओर से शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने विशेष निर्देश जारी किया है।
यूपी बोर्ड परीक्षा ड्यूटी से अब प्रधानाचार्य व शिक्षक बच नहीं पाएंगे। अभी तक यह लोग चिकित्सीय अवकाश के नाम पर परीक्षा ड्यूटी से बच निकलते थे, लेकिन अब माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव ने चिकित्सीय अवकाश में कड़ा नियम लागू कर दिया है। अब चिकित्सीय अवकाश प्रमाण पत्र पर सीएमओ की मुहर लगने के बाद ही शिक्षकों को अवकाश मिलेगा।
यूपी बोर्ड परीक्षा से बचने के लिए प्रधानाध्यापक व शिक्षक परीक्षा से पहले चिकित्सीय अवकाश प्राप्त कर लेते थे, जिससे बोर्ड परीक्षा में केंद्र व्यवस्थापक व कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति में कठिनाई होती थी। बोर्ड परीक्षा में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। कई शिक्षक तो ड्यूटी से बचने के लिए प्राइवेट अस्पताल से चिकित्सीय प्रमाण पत्र लगाकर अवकाश ले लेते थे
सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने आदेश दिए हैं कि बोर्ड परीक्षा से पूर्व कोई प्रधानाचार्य या शिक्षक चिकित्सीय अवकाश के लिए आवेदन करता है तो उन्हें जिले के सीएमओ के पास उनकी अस्वस्थता की पुष्टि कराने तथा चिकित्सा आवेदन पत्र की प्रति हस्ताक्षरित कराने के लिए भेजा जाए। सीएमओ के जारी किए गए प्रमाण पत्र के आधार पर ही चिकित्सीय अवकाश मान्य किया जाए।
उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देश दिए कि परीक्षा शुरू होने से पहले यदि किसी प्रधानाचार्य या शिक्षक ने चिकित्सीय अवकाश के लिए आवेदन किया हो तो उसका सीएमओ कार्यालय से परीक्षण अवश्य करवाएं। बिना सीएमओ के चिकित्सीय प्रमाण पत्र के अवकाश न दें।