प्रयागराज,। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि पद की भर्ती की योग्यता तय करने का पूरा अधिकार नियोजक को ही है। भर्ती विज्ञापन की योग्यता शर्तें रखने वाले अभ्यर्थियों को ही चयन प्रक्रिया में शामिल होने का अधिकार है। हाई कोर्ट ने कहा कि सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती के लिए ओ-लेबल कंप्यूटर कोर्स या समकक्ष प्रमाणपत्र की योग्यता निर्धारित की गई है। याची के पास ओ-लेबल प्रमाणपत्र के समक्ष योग्यता नहीं है। इसलिए उसकी अभ्यर्थिता निरस्त करना अवैध नहीं है।
कोर्ट ने कहा, योग्यता मानक तय करना नियोजक का अधिकार
हाई कोर्ट ने याची को राहत देने से इन्कार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान ने कविता सोनकर की याचिका पर दिया है। याचिका का उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की तरफ से अधिवक्ता बीकेएस रघुवंशी ने प्रतिवाद किया। याची का कहना था कि 2014 की लोक सेवा आयोग की एआरओ भर्ती परीक्षा में वह सफल घोषित की गई। कंप्यूटर का ओ-लेबल प्रमाणपत्र न होने के कारण उसका अभ्यर्थन निरस्त कर दिया गया है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के इस परिप्रेक्ष्य में दिये गये कई फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि निर्धारित योग्यता के बगैर चयन नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।
आयकर की बारीकियों पर हुई चर्चा
इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंस आफ इंडिया की प्रयागराज शाखा की ओर से बैंक ऑडिट और आयकर विषय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। शहर के एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में कानपुर से सीए अनिल सक्सेना, नई दिल्ली से सीए अविनाश गुप्ता ने आयकर की बारीकियों से लोगों को अवगत कराया। सेमिनार में वित्त विधेयक 2022 के अनुसार पूंजी बाजार से आयकर और कराधान में नवीनतम घोषणा का प्रभाव, बैंक आडिट अवलोकन, एसेट वर्गीकरण और प्रोविजनिंग से संबंधित ऋण, कृषि ऋण, लांग फार्म आडिट रिपोर्ट समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान श्री विनय कुमार सिंह, पीके रथ, अभिषेक पांडे, विनय अग्रवाल, सीए राजेश पांडेय, सीए सचिन अग्रवाल, निधि अग्रवाल, सुशील शुक्ला समेत कई लोग मौजूद रहे।