सख्ती: निजी कॉलेजों में भी इंटर्नशिप भुगतान जरूरी
देश में एमबीबीएस की करीब 90 हजार सीटें
देश में एमबीबीएस की करीब 90 हजार सीटें हैं, जिनमें से तकरीबन 40-42 हजार सीटें निजी क्षेत्र में हैं। मेडिकल का कोर्स पूरा करने के बाद एक साल की इंटर्नशिप हर छात्र को करनी होती है, जिसके पूरा होने के बाद ही उसे डिग्री मिलती है तथा एनएमसी द्वारा पंजीकरण नंबर प्रदान किया जाता है।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने अपने नए निर्देशों में कहा है कि निजी कॉलेजों में इंटर्नशिप करने वाले मेडिकल छात्रों को इस दौरान मिलने वाली राशि का पूरा भुगतान करना होगा। यह राशि राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दी जाने वाली राशि के अनुरूप होगी।
अभी तक कोई स्पष्ट नियम नहीं होने के कारण निजी मेडिकल कॉलेजों में इंटर्नशिप के दौरान छात्रों को भुगतान नहीं होता था। जबकि सरकारी मेडिकल कॉलेजों के छात्रों को इंटर्नशिप के दौरान भुगतान होता था। अगले सत्र से नए आदेश लागू होने के बाद अभी कोई भी छात्र (सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज) अस्पताल में कहीं भी इंटर्नशिप करे तो उसे इस दौरान राशि मिलेगी। यह करीब 40-55 हजार प्रतिमाह के बीच होती है।