प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय कहते हैं कि हाईकोर्ट के दबाव में बुधवार को जारी पीसीएस 2019 और 2020 की संशोधित उत्तर कुंजी में भी कई विसंगतियां सामने आ रही हैं, जिसे लेकर समिति हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है। इससे पूर्व समिति इन विसंगतियों के संबंध में आयोग को प्रत्यावेदन देगी।
प्रयागराज |
प्रशासनिक सेवा की प्रदेश की सर्वोच्च पीसीएस परीक्षा में गलत प्रश्न पूछने का मामला एक बार फिर चर्चा में है। पीसीएस की हाल की दो परीक्षाओं में एक-दो नहीं कुल 38 प्रश्नों और उसके उत्तर में विसंगतियां मिली हैं। इनमें से 21 प्रश्न खुद आयोग ने ही गलत मानते हुए हटाए हैं। वहीं 17 प्रश्न ऐसे हैं, जिनका उत्तर आयोग को बदलना पड़ा। जिस परीक्षा में एक नंबर से भी कम अंतर से हजारों परीक्षार्थी बाहर किए जाते हैं, उसमें 38 प्रश्नों में विसंगतियां पूरी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
संशोधित हुआ था परिणाम, तलब किए गए थे अध्यक्ष: आयोग की भर्तियों में प्रश्नों को लेकर विवाद नया नहीं है। यह विवाद पीसीएस जे 2013 से लगातार चला आ रहा है। पीसीएस जे 2013 प्री में 15 प्रश्नों को लेकर विवाद के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर 19 दिसंबर 2013 को परिणाम संशोधित किया गया था। समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती 2013 (आरओ-एआरओ) में गलत प्रश्नों को लेकर दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने सितंबर 2014 में आयोग के निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव को कोर्ट में तलब किया था।
हाईकोर्ट से हुआ था संशोधन का आदेश
पीसीएस जे प्री 2015, पीसीएस 2016 और पीसीएस 2017 में गलत प्रश्नों का मामला हाईकोर्ट गया था। तीनों ही मामलों में हाईकोर्ट ने आयोग के परिणाम बदलने के आदेश दिए थे। सुनवाई के दौरान ही आयोग ने पीसीएस जे प्री 2015 और पीसीएस 2016 की मुख्य परीक्षा भी करा ली थी। आयोग ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।
आयोग को नहीं मालूम जगदीश में कौन सी संधि
पीसीएस 2020 प्रारंभिक परीक्षा में पूछा गया था कि जगत धन ईश जगदीश में कौन सी संधि है। आयोग ने पहले व्यंजन संधि को सही माना था लेकिन अब इस प्रश्न को हटाया गया है। स्पष्ट है कि दिए गए चार विकल्पों में इस प्रश्न का सही उत्तर नहीं था। इसी तरह पीसीएस 2019 के दूसरे पेपर में पूछा गया था कि पीतांबर में कौन सा समास है। आयोग ने पहले उत्तर कर्मधारण समान माना था, लेकिन सही विकल्प न होने के कारण इस प्रश्न को हटा दिया। किस शताब्दी में फरवरी में 29 दिन होंगे? प्रश्न का उत्तर आयोग ने 2300 माना था, सही विकल्प न होने के कारण इसे भी हटाया गया है। किस जीव का रक्त सफेद होता है? तथा भारत में नियोजित विकास का विरोध किसने किया? इन दोनों प्रश्नों को भी सही उत्तर विकल्प न होने के कारण गलत मानते हुए हटा दिया गया है। आयोग ने पहले खिड़की का पर्यायवाची वातायन माना था। संशोधित उत्तर कुंजी में बदलाव कर उपयुक्त सभी विकल्प को सही माना गया। यानी की उत्तर में जो तीन विकल्प दिए गए थे, वे सभी सही थे। गमला और आलपीन किस भाषा के शब्द हैं? प्रश्न का सही उत्तर आयोग ने पहले फ्रेंच माना था, जिसे बदलकर पुर्तगाली को सही माना गया।