लखनऊ : भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को होने वाली मतगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस बार 4442 प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें 560 महिलाएं हैं। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सभी 75 जिलों में 403 विधान सभा सीटों की गिनती 84 केंद्रों पर गुरुवार सुबह आठ बजे से शुरू हो जाएगी। सबसे पहले पोस्टल बैलट व सर्विस मतों की गणना होगी, ठीक 8:30 बजे से ईवीएम की गिनती शुरू होगी। शुरुआती रुझान सुबह नौ बजे से आने शुरू हो जाएंगे। दोपहर तक प्रदेश में किसकी सरकार की तस्वीर साफ हो जाएगी।
आगरा में सबसे अधिक पांच मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। अमेठी, अंबेडकरनगर, देवरिया, आजमगढ़ व मेरठ में दो-दो मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। इसके अलावा सभी 69 जिलों में एक-एक मतगणना केंद्रों पर गिनती होगी। सबसे पहले पोस्टल बैलेट व सर्विस वोट गिने जाएंगे। इसके आधे घंटे बाद ही ईवीएम के वोटों की गणना शुरू होगी। चूंकि इस बार 80 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग, दिव्यांग, आवश्यक सेवाओं में लगे कार्मिक तथा चुनाव ड्यूटी में लगे कार्मिकों को पोस्टल बैलेट से मतदान करने की सुविधा दी गई है, इसलिए पोस्टल बैलट 3.75 लाख से अधिक पड़े हैं। ऐसे में हर सीट के अंतिम परिणाम की घोषणा में थोड़ा विलंब हो सकता है। पोस्टल बैलट की संख्या को देखते हुए चुनाव आयोग ने इस बार एआरओ की संख्या बढ़ाई है।
प्रत्येक टेबल पर मतगणना पर्यवेक्षक : हर मतगणना स्थल पर चुनाव आयोग द्वारा तैनात पर्यवेक्षक भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा प्रत्येक मतगणना टेबल पर भी मतगणना पर्यवेक्षक रहेंगे। प्रत्याशी के मतगणना एजेंट गड़बड़ी की शिकायत सीधे पर्यवेक्षक से कर सकेंगे। मतगणना की वीडियोग्राफी भी करवाई जाएगी। मतगणना स्थल पर कोई गड़बड़ी न हो इसलिए केंद्रीय सुरक्षा बलों को भी लगाया गया है। मतगणना के लिए चुनाव आयोग ने करीब 40 हजार अधिकारियों व कर्मचारियों को लगाया है।
प्रत्येक विधान सभा की गिनती के लिए लगती हैं 14 टेबल : प्रत्येक विधान सभा सीट की गिनती के लिए 14 टेबल लगाई जाती हैं। अपवाद स्वरूप कुछ विधान सभा सीटों पर जहां पोलिंग बूथ की संख्या अधिक होती है वहां रिटर्निंग अफसर चुनाव आयोग से अनुमति लेकर टेबल बढ़ा लेते हैं। यानी प्रत्येक चरण में 14 ईवीएम की गिनती एक साथ होगी। मतगणना स्थल पर रिटर्निंग अफसर यानी आरओ के अलावा प्रत्याशी, चुनाव एजेंट, मतगणना एजेंट समेत कई अन्य अधिकारी रहेंगे।
आरओ टेबल पर गिने जाएंगे पोस्टल बैलट : पोस्टल बैलट व सर्विस वोट आरओ टेबल पर गिने जाएंगे। इस बार पोस्टल बैलट की अधिक संख्या को देखते हुए प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में दो-दो टेबल आरओ की लगाई गईं हैं। कुछ जगह इनकी संख्या तीन भी की गई है। यानी प्रत्येक विधान सभा में गिनती के लिए 14 टेबल के अलावा दो आरओ टेबल लगाई गईं हैं। इनमें दो सहायक रिटर्निंग अफसर तैनात किए गए हैं। प्रत्येक टेबल पर मतगणना पर्यवेक्षक, एक माइक्रो आब्जर्वर, एक मतगणना सहायक व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रहेंगे। प्रत्येक विधान सभा के लिए तीन-तीन टेबल के मतगणना पार्टियों को रिजर्व में रखा गया है।
करीब तीन मिनट में होती है एक ईवीएम से गिनती : प्रत्येक बूथ पर करीब 1200 मतदाता होते हैं। मतदान यदि 60 प्रतिशत हुआ है तो 720 मत यदि 70 प्रतिशत हुआ है तो 840 मत पड़ते हैं। प्रत्येक ईवीएम से मतों की गिनती में करीब तीन मिनट का समय लगता है। इस तरह से 14 टेबल पर एक राउंड में करीब 10 से 11 हजार मतों की गिनती हो जाएगी। प्रत्येक चरण के प्रत्याशियों के मत ब्लैक बोर्ड पर भी लिखे जाएंगे साथ ही लाउडस्पीकर से इसकी घोषणा भी की जाएगी। सभी 14 टेबल पर मौजूद मतगणना कर्मी हर राउंड में फार्म 17-सी भरकर मतगणना एजेंट से हस्ताक्षर के बाद आरओ को देते हैं। आरओ हर राउंड में मतों की गिनती दर्ज करते हैं। प्रत्येक चरण की गिनती पूरी होने के बाद चुनाव अधिकारी दो मिनट का इंतजार करते हैं ताकि किसी उम्मीदवार को कोई आपत्ति हो तो वो दर्ज करा दें। यानी प्रत्येक चरण की पूरी प्रक्रिया में करीब 15 मिनट का समय लगेगा।