आगरा। ये केस तो मात्र उदाहरण हैं। ऐसे तमाम केस हैं। जिनमें शिक्षकों की उम्र 90 साल से अधिक हो गयी है। उनके पेंशन और पेंशन एरियर नवीनीकरण ही 20 20 सालों से नहीं हुआ है। एक ओर जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 72 घंटे के अंदर फाइल का निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं वहीं बेसिक शिक्षा विभाग में मामले निस्तारित होने का नाम नहीं ले रहे। इस विभाग को पेंडिंग विभाग कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
पेंशन, एरियर, प्रोन्नत एरियर सहित तमाम ऐसे मामले हैं। जिनमें शिक्षकों को बीसियों साल हो गए, लेकिन भुगतान नहीं हो पाया। लेकिन अभी तक उसे गुपचुप तरीके से दबाकर रखा है। अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने इसे लागू करने के आदेश भी दिए थे। लेकिन आज तक लागू नहीं हुआ है
बेसिक शिक्षा विभाग नहीं ‘पेंडिंग विभाग’ कहिए
केस-1
जगनेर निवासी रमेश चंद्र उपाध्याय 88 साल के हैं। लेकिन अभी तक उनका पेंशन एरियर नहीं बना है।
केस- 2
फतेहपुर सीकरी विकासखंड में तैनात राधारानी का एरियर भुगतान तीन सालों से अटका पड़ा है। अभी तक नहीं हुआ।
केस- 3
मधुलिका सिंह ने बच्चा गोद लिया। इसके लिए मेटरनिटी लीव मिलती है। वह पडुआपुरा बाह में तैनात है। दो साल में अभी उनकी लीव ही सेंशन नहीं हुई।
काम की अवधि
एरियर भुगतान प्रक्रिया सिर्फ 14 दिन में
मृतक आश्रित नियुक्ति- 30 दिन में नियुक्ति पत्र
पेंशन नवीनीकरण – मात्र दो दिन में
सीसीएल- तीन दिन में वैसे नियम एक दिन का है।
मेटनिटी लीव- पांच दिन में
प्रोन्नत वेतनमान- 10 दिन
नवीन नियुक्ति एरियर- 15 दिन में
अनापत्ति आदेश- सप्ताह भर में
सिटीजन चार्टर लागू करने के लिए विभाग से लेकर शासन तक मांग की है। जबकि अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने इसे लागू करने के निर्देश दिए थे। सभी समस्याओं के निदान का समय निर्धारित है। लेकिन विभाग ने आज तक लागू नहीं किया।
ब्रजेश दीक्षित, महामंत्री उत्तर प्रदेशीय शिक्षक संघ
पेंडिंग फाइलें-
एरियर – 5 से 7 वर्ष
मृतक आश्रित नियुक्ति- 2 से 7 साल
बहाली एरियर – 10 सालों से कई केस
पेंशन नवीनीकरण – 254 की संख्या में केस
चयन वेतनमान – 654
सीसीएल – 541
मेटनिटी लीव- 654
अनापत्ति – 1436
नवीन नियुक्ति एरियर – 652
पेंशन – 765