केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई ) ने भले ही कोरोना संकट की मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को दो टर्म में आयोजित करने जैसा कदम उठाया है, लेकिन अब यह पहल आगे भी जारी रहेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) आने के पहले से ही बोर्ड परीक्षाओं में सुधार को लेकर जुटे शिक्षा मंत्रालय ने फिलहाल इसके संकेत दिए हैं। साथ ही वह राज्यों से भी जल्द ही अपनी बोर्ड परीक्षाओं में सुधार के लिए ऐसे ही
कदमों को उठाने का सुझाव उन्हें देगी। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस दौरान सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं को दो टर्म में कराने से जुड़ा फीडबैक भी जुटाया जा रहा है। इसी आधार पर राज्यों को आगे बढ़ने की राह दिखाएगी। वैसे भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बोर्ड परीक्षाओं में सुधार को लेकर कई अहम सिफारिश की गई है। इसमें बोर्ड परीक्षाओं से जुड़े सुधारों को तत्काल अमल में लाने की जरूरत बताई गई है। खासबात यह है कि सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को दो टर्म में कराने का जो फैसला लिया है, उसकी भी सिफारिश नीति में की गई है। इससे साफ है कि सीबीएसई ने एक रणनीति के तहत ही नीति की सिफारिशों को अपनाया है। इसमें पहले टर्म में आधे कोर्स की परीक्षा, जो बहुविकल्पीय है, जबकि बाकी के आधे कोर्स की परीक्षा दूसरे टर्म में होगी, जो विश्लेषण पर आधारित होगी। बोर्ड परीक्षाओं को लेकर देश में जिस तरह का हौवा है, उसे पूरी तरह से खत्म करने की कोशिश है।