प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेजों में एलटी ग्रेड शिक्षक के तीन हजार पदों पर भर्ती की तैयारी चल रही है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को इन पदों का अधियाचन मिल गया है। हालांकि विभिन्न विषयों में अर्हता स्पष्ट न होने के कारण नई भर्ती का विज्ञापन फंसा हुआ है। इसके लिए आयोग ने संबंधित विभाग को पत्र भेजकर सभी विषयों से संबंधित अर्हता स्पष्ट करने को कहा है।
आयोग को एलटी ग्रेड शिक्षक के 1207 पदों का अधियाचन काफी पहले मिल चुका था। सूत्रों का कहना है कि अब नए पदों का अधियाचन भी मिल गया है और पदों की संख्या बढ़कर तकरीबन तीन हजार पहुंच गई है। रिक्त पदों पर भर्ती की तैयारी चल रही है, लेकिन इससे पूर्व आयोग सभी विषयों में अर्हता से संबंधित नियमों को स्पष्ट कर देना चाहता है। हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में इस बार आयोग को एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के विज्ञापन में अर्हता संबंधी नियमों एवं शर्तों को पूरी तरह से स्पष्ट करना होगा।
एलटी ग्रेड-2018 की भर्ती में कई विषयों में अर्हता स्पष्ट न होने के कारण विवाद हुआ। कला विषय में चयन होने के बाद तकरीबन ढाई सौ अभ्यर्थियों का चयन निरस्त कर दिया गया और कई अभ्यर्थियों की ज्वाइनिंग अब भी फंसी हुई है। हिंदी विषय में भी अर्हता का विवाद हुआ था और 100 से अधिक पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं हो सकी। इस बार एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के विज्ञापन में अर्हता को लेकर स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो जाने पर बाद में कोई विवाद नहीं होगा और भर्ती समय से पूरी हो सकेगी।
दो चरणों में हो सकती है परीक्षा
भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए आयोग एकल परीक्षा की व्यवस्था को धीमे-धीमे समाप्त कर रहा है। इस बार स्टाफ नर्स की भर्ती परीक्षा भी दो चरणों (प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा) में आयोजित की जा रही है, जबकि इससे पूर्व एक परीक्षा के माध्यम से भर्ती होती थी।
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती भी पिछली बार एक परीक्षा के माध्यम से हुई थी और इसमें सामाजिक विज्ञान एवं हिंदी के पेपर आउट होने के आरोप लगे थे। एसटीएफ ने इसकी जांच की थी और तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक को जेल जाना पड़ा था। ऐसे में आयोग एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में पारदर्शिता के लिए दो चरणों में परीक्षा आयोजित करा सकता है। हालांकि, आयोग ने अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है।