राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की रायवाला में गंगा किनारे स्थित आरोवैली आश्रम में चल रही अखिल भारतीय स्तर की चिंतन बैठक के पांचवें दिन शनिवार को नई शिक्षा नीति पर विमर्श किया गया। इस अवसर पर देश में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए नई शिक्षा नीति को आवश्यक बताते हुए इसके सही क्रियान्वयन पर जोर दिया गया। बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में यह नीति बड़े परिवर्तन लेकर आएगी। देश के सभी राज्यों में इसके क्रियान्वयन में संघ हरसंभव सहयोग करेगा।
संघ की अखिल भारतीय स्तर की चिंतन बैठक में शनिवार को चार सत्रों में मंथन हुआ। एक महत्वपूर्ण सत्र संघ प्रमुख मोहन भागवत का रहा, जो नई शिक्षा नीति पर केंद्रित था। उन्होंने कहा कि वर्ष 1986 में जारी हुई शिक्षा नीति के बाद भारत की शिक्षा नीति में यह पहला नया परिवर्तन है। यह निश्चित रूप से भारतीय शिक्षा पद्धति में बड़े परिवर्तन लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि भारत के गौरवमयी इतिहास के सही तथ्यों को प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है, ताकि नई पीढ़ी को भारतीय नायकों के बारे में सही ज्ञान मिल सके। संघ प्रमुख ने कहा कि सही शिक्षा ही देश को सही दिशा में ले जा सकती है। हमारा उद्देश्य सिर्फ शिक्षित बनाना न हो, बल्कि शिक्षा ऐसी हो, जो युवाओं में कौशल का विकास कर सके।