लखनऊ। UP Scholarship 2022: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना (पोस्ट-मेट्रिक स्कालरशिप) का लाभ लेने के लिए बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। समाज कल्याण विभाग ने सभी शिक्षण संस्थाओं को 15 दिनों में बायोमीट्रिक उपस्थिति के उपकरण लगाने के निर्देश दिए हैं। छात्रवृत्ति के लिए कक्षाओं में 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है।
निदेशक समाज कल्याण राकेश कुमार ने निदेशक उच्च शिक्षा, निदेशक प्राविधिक शिक्षा, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा, निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन, निदेशक माध्यमिक शिक्षा, सचिव स्टेट मेडिकल फैकल्टी, निदेशक कृषि प्रसार शिक्षा, निदेशक आयुष, सचिव प्राविधिक शिक्षा, निदेशक दिव्यांगजन, निदेशक संस्कृति, सचिव राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद एवं सचिव परीक्षा नियामक आयोग को पत्र भेजकर अपने-अपने यहां की शिक्षण संस्थाओं में बायोमीट्रिक अटेंडेंस के लिए उपकरण लगाने के लिए कहा है।
निदेशक समाज कल्याण की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि दशमोत्तर छात्रवृत्ति की नियमावली में 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। उपस्थिति आधार आधारित बायोमीट्रिक के जरिए होनी है। चूंकि पिछले वित्तीय वर्ष में कोरोना संक्रमण के कारण शिक्षण संस्थाओं में आनलाइन पढ़ाई हो रही थी, इसलिए बायोमेट्रिक उपस्थिति स्थगित कर दी गई थी। अब शिक्षण संस्थानों में भौतिक रूप से कक्षाएं शुरू हो गईं हैं।
समाज कल्याण विभाग ने सभी संस्थाओं से बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य रूप से लगवाने के निर्देश दिए हैं। संस्थान में उपस्थिति दर्ज होते ही एनआइसी के सर्वर पर उसकी जानकारी मिल जाएगी। निदेशक ने बताया कि यदि किन्हीं कारणों से छात्र को 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर छात्रवृत्ति मिल जाती है तो उसे वापस करनी होगी।
बता दें कि छात्रवृत्ति योजना के तहत राज्य सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उन छात्रों को छात्रवृत्ति के रूप मे वित्तीय सहायता प्रदान करती है जो संचय शुल्क प्रतिपूर्ति करने मे असमर्थ होते हैं। उत्तर प्रदेश दशमोत्तर छात्रवृत्ति के अन्तर्गत योगी सरकार प्रत्येक वर्ष इस योजना के द्वारा लाखों छात्र व छात्राओं को लाभ देती है।