हमीरपुर। भेड़ी डांडा गांव के नवीन प्राथमिक विद्यालय को हरे रंग से रंगरोगन करा प्रधानाध्यापक ने नए विवाद को जन्म दे दिया। ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक पर जानबूझकर विद्यालय को हरा रंग करा मदरसे का रूप देने तथा लोगों को पूजा पद्धति से दूर रहने की सलाह देने का आरोप लगाया है। यह बात गांव में फैलते ही लोग विद्यालय पहुंच गए और हंगामे करने लगे। मामला बढ़ता देख बीएसए ने विद्यालय को सफेद पुतवाने की बात कही है।
तहसील सरीला के भेडी़ डांडा गांव में नवीन प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने विद्यालय को हाल ही में हरे से रंगरोगन करा दिया है। विद्यालय को हरे रंग का देख गांव के लोगों में आक्रोश पैदा हो गया और ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक पर साजिश के तहत हरा रंग पुतवाकर मदरसे जैसा बनाने का आरोप लगाया। साथ ही लोगों को पूजा पद्धति से दूर रहने के लिए उकसाने का भी आरोप लगाया है।
गांव निवासी गोलू द्विवेदी, छोटू मिश्रा का कहना है कि विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक बृजेश गौतम एक विचारधारा से प्रेरित है और लोगों को पूजा पद्धति से दूर रहने के लिए सलाह देते रहते हैं। प्रधानाध्यापक ने जानबूझकर विद्यालय को हरे रंग से पुतवाकर मदरसे का रूप देने का कुत्सित प्रयास किया है जो कि गलत है। उन्होंने मामले की जांच कराकर प्रधानाध्यापक के विरुद्ध कार्रवाई करने तथा विद्यालय का रंग सफेद कराने की मांग की है।
इस संबंध में बीएसए कल्पना जायसवाल ने बताया कि विद्यालय की दो साल से पुताई नहीं हुई थी। इस कारण से प्रधानाध्यापक ने उसे आकर्षक बनाने के लिए हरे रंग से पुताई कराई है। विरोध होने पर विद्यालय का रंग सफेद करने का काम भी सोमवार दोपहर बाद से शुरू करा दिया गया है। जो देर शाम तक पूरा भी हो गया। वहीं जिलाधिकारी डा. चंद्रभूषण त्रिपाठी ने बताया कि जांच के लिए गांव में एक टीम भेजी गई है। रिपोर्ट आने के बाद दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।