प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) सीधी भर्ती के कटऑफ अंक एवं प्राप्तांक तो एक सप्ताह में जारी कर दे रहा है, लेकिन लिखित परीक्षा से होने वाली भर्ती के प्राप्तांक एवं कटऑफ अंक जारी करने से कतरा रहा है। प्रतियोगी छात्रों ने इस पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सीधी भर्ती केवल इंटरव्यू के आधार पर होती है। ऐसे में इंटरव्यू के कटऑफ अंक एवं प्राप्तांक जारी करने से बहुत प्रभाव नहीं पड़ता है। पारदर्शिता का दावा करने वाले आयोग को लिखित परीक्षा से होने वाली भर्ती के कटऑफ अंक और प्राप्तांक पूर्व की भांति अंतिम चयन परिणाम वाले दिन ही जारी करने चाहिए।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पहले सीधी भर्ती के प्राप्तांक एवं कटऑफ अंक जारी नहीं करता था, लेकिन पारदर्शिता के नाम अब सीधी भर्ती के प्राप्तांक और कटऑफ अंक भी जारी किए जाने लगे हैं। वहीं, लिखित परीक्षा से होनी वाली भर्तियों के प्राप्तांक एवं कटऑफ अंक जारी किए जाने का प्रावधान काफी पहले से है, लेकिन आयोग ने कई महत्वपूर्ण भर्ती परीक्षाओं के अंतिम चयन परिणाम जारी होने के बाद एक से दो साल बाद भी प्राप्तांक एवं कटऑफ अंक जारी नहीं किए हैं। प्रतियोगी छात्र लगातार मांग कर रहे हैं कि पूर्व की भांति अंतिम चयन परिणाम वाले दिन ही प्राप्तांक एवं कटऑफ अंक जारी किए जाएं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि इंटरव्यू में मिले अंकों पर किसी तरह का दावा कर पाना मुश्किल होता है, क्योंकि ये अंक लिखित परीक्षा के आधार पर नहीं दिए जाते हैं और इंटरव्यू बोर्ड के अध्यक्ष अपने विवेक के आधार पर नंबर देते हैं। वहीं, लिखित परीक्षा से होने वाली भर्ती में अभ्यर्थियों को सवालों के लिखित जवाब के आधार पर अंक मिलते हैं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय और मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि लिखित परीक्षा के अंकों को लेकर अभ्यर्थी दावा कर सकते हैं।
उन्होंने कितने सवाल सही या गलत किए, इसके साक्ष्य उपलब्ध होते हैं। ऐसे में लिखित परीक्षा से होने वाली भर्ती प्रक्रिया के कटऑफ एवं प्राप्तांक जारी करने में देरी होने पर पारदर्शिता का दावा करने वाले आयोग की कार्यप्रणाली ही सवालों के घेरे में है। समिति की ओर से आयोग के अध्यक्ष को पत्र भेजकर एक बार फिर मांग की जाएगी कि लिखित परीक्षा से होने वाली भर्ती के प्राप्तांक एवं कटऑफ अंक पूर्व की भांति अंतिम चयन परिणाम वाले दिन ही जारी किए जाएं।