मऊ। नगर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में लंबे समय से सहायक अध्यापकों के पद रिक्त चलने से बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा नहीं मिल पा रही। ऐसे में नगर के 16 परिषदीय विद्यालय एकल शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। विभाग की तरफ से शैक्षिक माहौल को बेहतर बनाने के प्रति ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है। ऐसे में विद्यालयों में पठन-पाठन में बाधा आ रही है। नगर में कुल 38 सरकारी स्कूल हैं। इनमें 18 प्राथमिक, 16 कंपोजिट तथा चार उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 4290 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। नया शिक्षा सत्र शुरू हुए एक माह बीत चुका है। लेकिन विद्यालयों में रिक्त चल रहे शिक्षकों के पदों को भरा नहीं जा सका है। नगरीय परिषदीय विद्यालयों मेें शिक्षकों की 10 साल से नियुक्ति प्रक्रिया बंद चल रही है। जिसकी वजह से शिक्षकों की संख्या में प्रतिवर्ष कमी होती जा रही है।
इससे बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। एकल चल रहे स्कूलों पर नजर डाला जाए तो प्राथमिक विद्यालय बख्शीपुरा, प्राथमिक विद्यालय शिक्षा विभाग कालोनी, प्राथमिक विद्यालय हरिकेशपुरा, प्राथमिक विद्यालय खेदूपुरा, प्राथमिक विद्यालय भुजौटी, प्राथमिक विद्यालय मलिक ताहिरपुरा, प्राथमिक विद्यालय भीटी, प्राथमिक विद्यालय सहादतपुरा, प्राथमिक विद्यालय यूसुफपुरा, प्राथमिक विद्यालय अछार, प्राथमिक विद्यालय बख्तावरगंज, प्राथमिक विद्यालय भदेसरा, प्राथमिक विद्यालय पुलिस लाइन, प्राथमिक विद्यालय पूर्वोत्तर रेलवे, कंपोजिट स्कूल सुल्तानपुर, कंपोजिट स्कूल चकमेंहदी सहित16 परिषदीय विद्यालय एकल शिक्षकों के भरोसे हैं। ऐसे में शिक्षक के अवकाश लेने या विभागीय बैठकों में जाने की स्थिति में पठन-पाठन बाधित हो रहा है। आरटीई के तहत प्राइमरी में 30 बच्चों पर एक तथा उच्च प्राइमरी में 35 बच्चों पर एक शिक्षक सहित सभी विषयों के विशेषज्ञ शिक्षकों की तैनाती अनिवार्य की गई है। नियम के तहत 117 के मुकाबले 72 शिक्षक ही कार्यरत हैं। यही हाल रहा तो कई विद्यालयों के बंद होने की नौबत आ सकती है। नगर शिक्षा अधिकारी रवि प्रकाश ने बताया कि शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। शासन स्तर पर नगर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के तैनाती की प्रक्रिया चल रही है।