● छात्रवृत्ति की जांच भी दस्तावेजों की आड़ में दब गई
शासन को रिपोर्ट देने में देरी क्यों
शासन ने जांच बैठाई थी। जांच में सहयोग न करने वाले संस्थानों के खिलाफ शासन को लिखना चाहिए। जिससे आगे की कार्रवाई शासन करे। अब तक विभाग की ओर से ऐसा नहीं किया गया है। इससे अब सवाल उठने लगे हैं।
प्रयागराज । जिले में शिक्षा माफिया के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वो शासन की ओर से बैठाई जांच में भी सहयोग नहीं कर रहे हैं। गरीब छात्रों की छात्रवृत्ति हड़प कर बैठे माफिया अब जांच कमेटी के सामने दस्तावेज भी प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं।
जिले के 11 शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति घोटाले का मामला सामने आया था। बीते मार्च में आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने इस प्रकरण पर खबर प्रकाशित की। मामले को संज्ञान में लेकर शासन ने जांच कमेटी गठित कर दी। चार अप्रैल से जांच कमेटी ने जिले के विद्यालयों का निरीक्षण किया।
शिक्षण संस्थान संचालक दस्तावेज न होने की बात कहकर लगातार टीम को टालते रहे। टीम ने 11 अप्रैल के सभी को दस्तावेज के साथ बुलाया। अब तक टीम के सदस्यों के सामने रिकॉर्ड पेश नहीं किया गया। जांच टीम के एक सदस्य का कहना है कि एकाध संस्थानों ने अपने दस्तावेज दिए हैं, लेकिन शेष ने नहीं दिया है।
मंगलवार को फिर देंगे रिमाइंडर:
टीम के सदस्यों का कहना है कि मंगलवार को एक बार फिर दस्तावेज के लिए रिमाइंडर दिया जाएगा। इसके बाद आगे क्या करना है इसकी रणनीति तय की जाएगी।
क्या अफसर नहीं चाहते हैं खुलासा हो :इस पूरे प्रकरण पर जिले के अफसरों ने मौन साधा है। कोई भी अधिकारी कुछ नहीं बोलना चाह रहा है। यहां तक कि जांच कमेटी की अध्यक्ष उप निदेशक समाज कल्याण डॉ. मंजूश्री श्रीवास्तव भी कुछ नहीं बोल रही हैं।