हापुड़ में कुचेसर रोड चौपला स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की 15 छात्राएं शनिवार रात फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गईं। उल्टी, पेट में दर्द के साथ बेहोशी छाने से शिक्षकों के हाथ पांव फूल गए। देर रात एंबुलेंस के जरिए छात्राओं को गढ़ रोड सीएचसी लाया गया।
यहां दो छात्राओं का ऑक्सीजन स्तर गिरने लगा, जिन्हें मेरठ रेफर किया गया। एक अन्य छात्रा को भी पांच घंटे बाद होश आया। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने खाने के सैंपल भरे हैं। छात्राओं का भी ब्लड सैंपल लिया गया है। रात में ही डीएम ने भी अस्पताल पहुंचकर बच्चों का हाल जाना।
कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में 58 छात्राएं पंजीकृत हैं, शनिवार को इसमें 54 छात्राएं उपस्थित थी। रात में करीब साढ़े सात बजे मेन्यू के अनुसार दाल-चावल और करेला-रोटी तैयार किए गए। शिक्षकों समेत सभी 54 छात्राओं ने खाना खाया। कुछ ही देर बाद 15 से अधिक छात्राएं घबराहट होने की बात कह, रोने लगीं।
शिक्षिका अंजु शर्मा, मांडवी मलिक, मीनाक्षी ने छात्राओं को प्राथमिक उपचार देना शुरू किया। लेकिन छात्राओं की तबीयत बिगड़ती चली गई, कई छात्राएं बेहोश होकर नीचे गिर गईं। आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी, एंबुलेंस के जरिए छात्राओं को गढ़ रोड सीएचसी लाया गया। 15 छात्राओं में चार की हालत ठीक हो गई, लेकिन 11 छात्राएं उल्टी, पेट दर्द से तड़पती रहीं।
दवा, इंजेक्शन देने के बावजूद तीन छात्राओं की हालत में सुधार नहीं हुआ। तीनों बेहोश हो गई, इनमें से दो छात्राओं का ऑक्सीजन स्तर 90 से नीचे पहुंच गया। रात में ही दोनों को मेरठ रेफर किया गया।
डीसी बालिका दीपा तोमर ने दावा किया है कि दोनों छात्राओं से बात हुई है, मेरठ में उनकी हालत सामान्य है। छात्राओं के बीमार होने के मामले का डीएम ने संज्ञान लिया। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को भेजकर खाने की सैंपलिंग कराई गई। रविवार को 9 छात्राओं को गढ़ रोड सीएचसी से छुट्टी दे दी गई। इससे पहले उनके ब्लड का सैंपल भी लिया गया।
कड़वे थे करेले, खाते ही पेट में हुआ दर्द
अस्पताल में भर्ती छात्राओं ने बताया कि करेले बहुत कड़वे थे, इन्हें काटकर सुखाया नहीं गया था। करेले खाने के कुछ ही देर बार घबराहट और पेट में दर्द हुआ। बेहोशी भी छाने लगी, इसके बाद अस्पताल आकर ही आंख खुली।