गोंडा। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों का बोझ कम करने के लिए विभाग ने पहल की है। छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर विशेष जोर होगा। शिक्षकों पर कई तरह का डेटा फीड करने की जिम्मेदारी से पढ़ाई प्रभावित हो जाती थी। स्कूलों का पठन-पाठन प्रभावित न हो, इसके लिए विकासखंड स्तर पर दो, यानी 32 डेटा इंट्री ऑपरेटर रखे जाएंगे। जोकि बच्चों के आधार सत्यापन के साथ ही ऑपरेशन कायाकल्प आदि की सूचनाएं यू-डायस व प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करेंगे। इससे काम भी समय से पूरे होंगे और शिक्षकों को पढ़ाई करने का पर्याप्त समय मिलेगा।
परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में इस समय स्कूल चलो अभियान के तहत छात्र-छात्राओं का तेजी से नामांकन हुआ है, यह कार्य जारी है। अब तक 44 हजार से अधिक बच्चों का नामांकन हो चुका है, इतने ही और नामांकन किया जाना है। विभाग का निर्देश है कि हर छात्र-छात्र का पंजीकरण प्रेरणा पोर्टल व यू-डायस पर किया जाए, तभी नामांकन माना जाएगा। बच्चों का आधार सत्यापन किया जाए। यदि किसी बच्चे के पास आधार नहीं है तो तत्काल बनाकर उसे पोर्टल पर अपलोड किया जाए। सभी कार्यों का जिम्मा शिक्षकों को सौंपा गया, काफी प्रयास के बाद भी पोर्टल पर नामांकन अपलोड करने का काम रफ्तार नहीं पकड़ सकी।
अब विभाग ने स्कूलों में कार्य की अधिकता व उसे तय समय में कराने के लिए जॉब वर्क के आधार पर खुले बाजार से दो डेटा इंट्री ऑपरेटर की सेवाएं अस्थायी रूप से लिए जाने की व्यवस्था दी है। ऑपरेटरों को मई से 31 जुलाई तक रखा जाना है। ऑपरेटर को प्रतिदिन अधिकतम 435.23 रुपये प्रतिदिन पारिश्रमिक दिया जाएगा। इस पर व्यय होने वाले धन का भुगतान जिला कार्यक्रम के तहत किया जाएगा.
19 तरह की सुविधाओं का फीड हो रहा डेटा
जिला व ब्लॉक स्तर पर इन दिनों यू डायस पर 2021-22 की डेटा इंट्री, आपरेशन कायाकल्प के तहत 19 अवस्थापना सुविधाओं के लिए ब्लाक में हर माह होनी है। इसके अलावा आधार का सत्यापन, मानव संपदा पोर्टल पर नवीन नामांकन की इंट्री, बच्चों को यूनीफार्म, स्कूल बैग, जूता-मोजा व स्वेटर के लिए अभिभावकों के खाते में धन भेजने से संबंधित फीडिंग व अन्य कार्य किए जाने हैं। इससे स्कूलों में शिक्षकों के सामने दुविधा थी और एक साथ दो- दो काम करना दिक्कत भरा था। अब नई व्यवस्था से शिक्षकों पर बोझ कम होगा और उन्हें पढ़ाई कराने का अधिक अवसर मिलेगा।
शिक्षक संकुल का कार्य तय, एक नोडल शिक्षक का होगा चयन
प्राइमरी स्कूलों में लागू मिशन प्रेरणा की सफलता के लिए नए प्रयोग हो रहे हैं। शिक्षकों को नई-नई जिम्मेदारी सौंपी जा रही हैं। इस मिशन में 21 तरह की सूचनाओं का संकलन होगा। हर विद्यालय समय-समय पर सूचनाओं की जानकारी उपलब्ध कराएगा। शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए तैयार की गई है। विद्यालय के पठन-पाठन से लेकर परिवेश आदि को लेकर बदलाव किया जाना है।
मिशन प्रेरणा और गुणवत्ता संवर्धन के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी शासन को तत्काल मिले। इसके लिए हर न्याय पंचायत स्तर पर नोडल संकुल शिक्षक की तैनाती हुई थी। शिक्षकों के बीच कार्य की जिम्मेदारी दिए जाने का निर्देश दिया गया है। न्याय पंचायत स्तर के पांच शिक्षकों को आपसी सहमति, रुचि, क्षमता, दक्षता व संसाधन आदि के आधार पर जिम्मेदारी दी जानी है। इन नोडल संकुल शिक्षकों से मिली जानकारी पर ब्लॉक व जिले स्तर पर बैठक कर फैसले लिए जाएंगे। इन शिक्षकों को किसी भी दशा में सूचना देने के लिए बीआरसी नहीं बुलाया जाएगा। साथ ही इनके किसी भी कार्य से शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं हो, इसका ध्यान रखा जाए।
परिषदीय स्कूलों में शिक्षा को बेहतर करने के प्रयास हो रहे हैं। ब्लॉकों पर डाटा इंट्री ऑपरेटर की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं और शिक्षक संकुलों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है।
डॉ. अखिलेश प्रताप सिंह, बीएस