2908 एमआरसी शिक्षकों को मनपसंद जिलों में तैनाती
● 68500 भर्ती में चयनित सहायक अध्यापकों को हुआ लाभ
● अभ्यर्थियों ने गलत जिला आवंटन के खिलाफ की थी याचिका
● साढ़े तीन साल की कानूनी लड़ाई के बाद मिला इंसाफ
प्रयागराज। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत चयनित 2908 मेरिटोरियस रिजर्व कैटेगरी (एमआरसी) शिक्षकों को उनके पसंद के जिले आवंटित कर दिए गए। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल और उप सचिव राजेन्द्र सिंह ने मंगलवार को नये सिरे से जिला आवंटन की सूची जारी कर दी। पांच सितंबर 2018 को चयन के साढ़े तीन साल बाद अब जाकर एमआरसी शिक्षकों को इंसाफ मिल सका है।
अमित शेखर भारद्वाज व अन्य की ओर से दायर विशेष अपील में हाईकोर्ट ने 14 सितंबर को चार महीने में एमआरसी अभ्यर्थियों को उनके पसंद के जिले में उनके तीन विकल्प के आधार पर तैनाती के आदेश दिए थे। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने 10 दिसंबर 2021 को सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को तैनाती करने के आदेश दिए थे, ताकि कोर्ट के आदेश की अवमानना न हो। इसके बाद अप्रैल के पहले सप्ताह में इन अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे। 68500 शिक्षक भर्ती के चयनितों को पांच सितंबर 2018 को नियुक्ति पत्र दिया गया था। पहली लिस्ट में चयनित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को दूर-दराज के जिलों में तैनाती दे दी गई थी, जबकि दूसरी सूची में अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को उनके गृह जनपद या पसंदीदा जिले में पदस्थापित कर दिया गया था। इसी को लेकर एमआरसी अभ्यर्थियों ने मुकदमा कर दिया था। 68500 भर्ती में सरकार ने नियम लागू कर दिया था कि चयनित शिक्षकों का दोबारा अंतर जनपदीय तबादला नहीं होगा। काफी संख्या में शिक्षकों को उनके घर से सैकड़ों किमी दूर दूसरे जिलों में तैनाती मिली थी। भविष्य में अपने जिले में वापसी की उम्मीद न होने के कारण एमआरसी अभ्यर्थी दोबारा जिला आवंटन पर अड़े थे।