स्कूल चलो अभियान में उम्मीद से अधिक नामांकन कर सूबे में तीसरा स्थान हासिल करने वाले जिले में कई स्कूल उदासीन रहे। लापरवाही बरतने वाले ऐसे स्कूल के प्रधानाध्यापकों पर विभागीय सख्ती की तैयारी शुरू हो गई है। प्राथमिक में 100 और पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 50 से कम नामांकन करने वाले हेडमास्टर को नोटिस भेजने के लिए बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया।
कोरोना संक्रमण काल के कारण दो साल तक प्राइमरी शिक्षा बेपटरी रही। 2022-23 के सत्र में स्थिति सामान्य होने पर शासन की मंशा थी कि नए शिक्षा सत्र में सरकारी स्कूलों में अधिक बच्चों का दाखिला कराया जाए। जिसके लिए स्कूल चलो अभियान चलाया गया। खंड शिक्षा अधिकारी, शिक्षकों संग अलग-अलग संगठनों का सहयोग लिया गया। एक-एक गांव और बस्तियों में पहुंचकर शिक्षा से वंचित बच्चों को जोड़ने की महीने भर की मुहिम चली। सत्र के पहले महीने यानि 30 अप्रैल तक के आंकड़े विभाग के लिए सही रहे। 36 हजार के सापेक्ष 39 हजार बच्चों का प्रवेश कराकर भदोही ने तीसरा स्थान प्राप्त किया, लेकिन कई स्कूलों ने नामांकन को लेकर लापरवाही बरती। विभागीय समीक्षा में पाया गया कि ज्यादातर विद्यालयों ने उम्मीद से अच्छा काम किया जबकि 100 से अधिक स्कूल के शिक्षकों ने उदासीनता बरती। 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालयों में 115 ऐसे प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय चिन्हित हुए जहां पर बच्चों के नामांकन की संख्या ठीक नहीं मिली। प्रभारी बीएसए रमाकांत सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया कि नामांकन में लापरवाही बरतने वाले हेडमास्टर को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण प्राप्त करें। किन कारणों से उनके यहां नामांकन कम हुए।