कूटरचित दस्तावेजों के सहारे परिषदीय स्कूलों में दशकों तक कार्यरत रहे 85 फर्जी शिक्षकों ने वेतन के मद में 33,94,42,762 रुपये ले लिए। बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज कराकर रिकवरी की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी है। मगर, रिकवरी कितनी हुई है। इसकी जानकारी खुद विभाग के पास मौजूद नहीं हैं।
शासन ने विभाग से फर्जी शिक्षकों पर हुई कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है। जिसके बाद से विभाग की ओर से रिकवरी सूची तैयार की गई है। इसके अनुसार सर्वाधिक रिकवरी गोला ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय ककरही गोला में तैनात साधना देवी पर तकरीबन 84 लाख की बनी है। इसके बाद कैंपियरगंज ब्लॉक के शिवबचन सिंह और सरदारनगर ब्लॉक के सुरेश कुमार पर 82 लाख की रिकवरी बनी है।
गोरखपुर के बेसिक शिक्षा विभाग में ढाई वर्ष पूर्व फर्जी शिक्षकों की जांच को लेकर एसटीएफ ने पूछताछ की थी। इसके बाद विभाग को कूटरचित दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वालों की शिकायतें मिलने लगीं। तत्कालीन बीएसए ने मामले की जांच कराई तो एक-एक कर 70 से अधिक फर्जी शिक्षकों के नाम उजागर हुए। अब तक कुल 85 फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त करते हुए विभाग ने उनपर हर ब्लॉक में मुकदमा दर्ज कराया है। सर्वाधिक 40 से अधिक मुकदमे राजघाट थाने में दर्ज हैं। इसके बाद विभाग ने एक-एक कर सभी की रिकवरी तैयार की है। अब तक तकरीबन 34 करोड़ की रिकवरी बनी है।
सर्वाधिक रिकवरी वाले फर्जी शिक्षक
नाम विद्यालय रिकवरी (रुपये में)
साधना देवी यूपीएस ककरही गोला 84,12,958
सुरेश कुमार यूपीएस महुआ बुर्जुग, सरदारनगर 82,33,249
शिव बचन सिंह पीएस नवापार, कैंपियरगंज 82,82,063
राजेंद्र प्रसाद यूपीएस देवकली, कौड़ीराम 78,60,534
सुरेश कुमा यूपीएस अवई पाकड़, जंगल कौड़िया 82,01,054
बीएसए आरके सिंह ने कहा कि कूटरचित दस्तावेजों के सहारे नौकरी हासिल करने वाले 83 शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। वेतन के मद में 33,94,42,762 रुपये की रिकवरी तैयार कर राजस्व विभाग को भेजी गई है। फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई की रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।