लखनऊ। प्रदेश के हर जिले में एक आदर्श कम्पोजिट स्कूल और सभी 880 ब्लॉकों में एक-एक अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल खोला जाएगा। इन स्कूलों की सुविधाएं पब्लिक स्कूलों से टक्कर लेंगी। ऐसे स्कूलों के चयन के संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा अनामिका सिंह ने शर्ते तय कर दी हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जिले व ब्लॉकवार स्कूलों का चयन कर सूची शासन को भेजनी है।
जिले में खोला जाने वाला मॉडल कम्पोजिट स्कूल कक्षा एक से 12 तक का होगा। वहीं अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल कक्षा एक से आठ तक के होंगे। अभी प्रदेश में 22 हजार कम्पोजिट स्कूल है। इनमें से ही मॉडल स्कूलों का चयन होगा। इन स्कूलों में वे सभी सुविधाएं होंगी जो किसी आदर्श स्कूल में होती हैं और ये प्रदेश के लिए प्रेरणास्रोत होंगे।
3000 वर्ग मीटर के स्कूलों का होगा चयन: अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल के लिए ब्लॉक के ऐसे कम्पोजिट स्कूल को चुना जाएगा, जहां कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई कराई जा सके। इसमें पांच कक्ष में डाइनिंग हॉल, स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय, कम्प्यूटर कक्ष व साइंस लैब होगी। इसकी इमारत इको फ्रेंडली होगी और टॉयलेट पर्यावरण के अनुकूल पानी की बचत को ध्यान में रखते हुए उच्चीकृत किए जाएंगे। । अभ्युदय स्कूल के लिए ऐसे स्कूलों का चयन किया जाएगा, जहां न्यूनतम 3000 वर्ग मीटर का क्षेत्रफल हो। इसके अलावा अतिरिक्त निर्माण के लिए विद्यालय परिसर में भूखण्ड भी होना चाहिए। ऐसे स्कूल का चयन होगा, जहां 250 विद्यार्थी पंजीकृत हों, कक्षा एक से आठ तक के लिए अलग-अलग कक्षा कक्ष हो, बिजली, सबमर्सिबल पम्प, क्रियाशील रसेाईघर, बाउण्ड्रीवाल, शौचालय, मुख्य द्वार आदि लगा हो।